कांड्रा/ Bipin Varshney
गरीब का हमदर्द बना जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी. आपको बता दें कि मेहनत कर जीवन बसर करने वाले 61 वर्षीय शालिग्राम शर्मा का निधन बीमारी के कारण कुछ दिन पूर्व हो गया. आर्थिक स्थिति से कमजोर शालिग्राम शर्मा अपने पीछे पत्नी सहित तीन लड़की और एक लड़का को छोड़ चले गए.
विवश पत्नी वसुंधरा देवी पति के देहांत के बाद अपने आपको बेसहारा और कमजोर समझने लगी थी. स्वर्गीय शालिग्राम शर्मा की मृत्यु के उपरांत आसपास के सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों के सहयोग से उनका दाह संस्कार किया गया. आज शुक्रवार को जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल और कांड्रा मुखिया शंकरी देवी द्वारा मृतक के पत्नी से मिलकर आर्थिक सहयोग की. इससे पूर्व मुखिया शंकरी सिंह ने मृतक की बेटी को घर बुला कर उचित राशन के साथ अंग वस्त्र की व्यवस्था कर दी. वहीं मृतक की पत्नी ने कहा कि मैं एक भूमिहीन हूं. ना ही मेरे पास आवास है और आधार कार्ड जिसके कारण मेरा राशन कार्ड होने के बाद भी मेरे चार बच्चों का नाम राशन कार्ड में अंकित हो नहीं पा रहा है.
इसकी जानकारी जिला परिषद सदस्य और कांड्रा मुखिया को होने के बाद गम्हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी मारुति मिंज को दी गई. प्रखंड विकास पदाधिकारी महोदया ने तत्परता दिखाते हुए जल्द आधार कार्ड बनाने के लिए सहमति प्रदान की. उन्होंने कहा कि कानून संगत जितना हो सकता है गरीब परिवार को मदद की जाएगी. उससे पूर्व कांड्रा पंचायत मे अवस्थित प्रज्ञा केंद्र द्वारा आधार कार्ड बनाने को लेकर निम्नलिखित नियमों का हवाला देते हुए पदाधिकारी द्वारा जानकारी प्राप्त कर आगे की प्रक्रिया करने की बात कही. मृतक की मदद करने के लिए कांड्रा पंचायत के वार्ड सदस्य अजीत सेन द्वारा भी उचित मदद देने के लिए पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया. स्वर्गीय शालिग्राम शर्मा के देहांत के बाद अपने पीछे पत्नी सहित तीन लड़की और एक लड़का कुल मिलाकर 4 बच्चों को छोड़ चले गए. सभी बच्चे नाबालिक है.
पत्नी द्वारा सरकारी मदद की गुहार लगा रही है. सरकारी नियमावली के अनुसार जो भी मदद मिल सकता हो. सरकारी पदाधिकारी द्वारा आगे आकर इस परिवार को मदद किया जाए.