जमशेदपुर: 2019 में चुनाव के समय महागठबंधन ने पिछडा़ वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा पहले कैबिनेट की बैठक में पारित करने का वादा किया था. लेकिन हेमन्त सोरेन की सरकार ने गिरगिट की तरह अपना रंग बदलते हुए 2022 के पंचायत चुनाव में पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए ही पंचायत चुनाव करवाया. हेमन्त सोरेन की सरकार ने पिछड़ों के साथ धौखा किया है.
उक्त बातें बुधवार को आजसू पार्टी के पूर्वी सिंहभूम जिला सचिव कृतिवास मंडल ने कही. श्री मंडल ने कहा कि पिछड़ों को समाप्त करने के उद्देश्य से अपनी सोची समझी रणनीति के तहत आज पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा और दुमका जैसे जिलों में पिछड़ी जातियों के आरक्षण को समाप्त कर दिया है. जिसके कारण पिछड़े वर्गों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के नौकरीयो से वंचित होना पड़ेगा.
श्री मंडल ने कहा कि पिछड़ों के साथ धोखा करने वाली सरकार को आने वाले दिनों में अब सबक सिखाने की जरूरत है. हेमन्त सोरेन की सरकार को मालूम होना चाहिए कि झारखंड की आबादी में पिछड़े वर्गों की जनसंख्या सबसे अधिक है.
श्री मंडल ने हेमंत सोरेन सरकार के
कई पिछड़ी जातियों के विधायक और मंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा तो उनके मुंह में दही जम गया है. इनको भी आने वाले दिनों मे पिछड़ा वर्ग सबक सिखाएगी.