दुमका / Mohit Kumar जिले में राजद ने संथाल परगना पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा की ओर से मंगलवार को अम्बेडकर चौक पर एक बैठक आयोजित की, जिसमें झारखंड सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण का अक्षरसः अनुपालन नहीं करने पर रोष व्यक्त किया गया. समिति के वरिष्ठ सदस्यों ने अपने संबोधन में झारखंड सरकार द्वारा आरक्षण नीति पर कई कमियां गिनाई.
झारखंड राज्य गठन को 22 वर्ष ही जाने के बाद भी पूर्व सरकारों एवं वर्तमान सरकार के द्वारा आरक्षण एवं डोमिसाइल पर सौतेला व्यवहार से युवाओं के भविष्य पर चिंता जताई. साथ ही केंद्र और राज्य में लागू होने वाले आरक्षणों में तुलनात्मक अध्ययन को जनता के सामने रख कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया.
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समिति के अनुसार 17 मार्च 2023 को कार्मिक एवं प्रशासनिक राजभाषा विभाग का जो संकल्प आया उसमें 10% ईडब्ल्यूएस के लिए राज्य स्तर से जिला रोस्टर तक आरक्षण लागू कर दिया गया, साथ ही पिछड़े वर्गों को भी 27% आरक्षण केंद्र द्वारा लागू किया गया है लेकिन इसे झारखंड में अब तक क्यों नहीं लागू किया गया.
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मोर्चा के संरक्षक राधेश्याम वर्मा ने राज्य सरकार के द्वारा इस नाइंसाफी पर पिछड़े वर्गों के युवा, छात्र- छात्राएं एवं अभिभावक को अपने संवैधानिक अधिकार प्राप्त करने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का आवाहन किया है. बताया गया कि आगामी दिनांक 26.03.2023 को संथाल परगना पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा की एक आवश्यक बैठक आहूत की गई है जिसमें सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जाएंगी.
मौके पर प्रेमनाथ केसरी संदीप कुमार जय बमबम, इंद्रकांत यादव, शिवनारायण दर्वे, प्रमोद जायसवाल, धनपति पाल, राजेश कुमार राउत, जितेन्द्र साह, सूरजकांत मंडल ने एक स्वर में झारखण्ड सरकार की दोहरी नीति की तीखी आलोचना की है.
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