आदित्यपुर/ Sumeet Singh नगर निगम वार्ड 17 स्थित नगीना पुरी के चित्रकूट छठ घाट से सटे कॉलोनी के दर्जनभर परिवारों के दर्द का अंत होता नजर नहीं आ रहा है. खासकर उपयुक्त के आश्वाशन के बीस दिनों बाद भी जब कॉलोनी वासियों की मांग पर कोई पहल नहीं हुई, तब कॉलोनी वासियों के उम्मीद की किरण बुझती नजर आ रही है.
आखिर क्यों कॉलोनी वासी परेशान हैं ?
दरअसल उक्त कॉलोनी के करीब दर्जनभर परिवार के निकास का रास्ता रईसों ने बंद कर दिया है. ये सभी रजिस्टर्ड जमीन के मालिक हैं. पूर्व में जमीन देनेवाले रैयत द्वारा इन्हें निकास का जो रास्ता दिया गया था, उन्हें दबंगों ने खरीद लिया है, और वहां निर्माण कराते हुए मार्ग को ही अवरुद्ध कर दिया है. दूसरे रास्ते में बड़ा नाला है, जिससे आवागमन संभव नहीं है. फिलहाल जिस मार्ग से आवागमन करते हैं, उसे बिल्डर ने खरीद रखा है, जो कभी भी बंद हो सकता है. इनके पास निकास का कोई रास्ता ही नहीं बचा. इसको लेकर कॉलोनी वासी नगर निगम, अंचल कार्यालय और थाने में फरियाद लगा चुके है. कहीं से समाधान नहीं मिलता देख कॉलोनी वासियों ने बीते 28 फरवरी को उपायुक्त के जनता दरबार में हाजिरी लगाई थी. जहां उपायुक्त ने बीस दिनों के भीतर समाधान का भरोसा दिलाते हुए सीओ से रिपोर्ट तलब किया था. जिससे कॉलोनीवासियों में उम्मीद की एक किरण जगी थी. मगर बीस दिनों बाद भी सीओ से जांच कराने संबंधी पत्र अंचल कार्यालय नहीं पहुंचने और अबतक जांच शुरू नहीं होने से कॉलोनीवासी मायूस होने लगे हैं. कॉलोनी वासियों ने अब आंदोलन का रुख अख्तियार करने की बात कही है.
नगर निगम नहीं है गम्भीर
इस मसले का एकमात्र समाधान कॉलोनी के पश्चिमी छोर से बहनेवाला नाला है, जो फिलहाल खतरनाक स्थिति में है. यदि इसका पक्कीकरण करा दिया जाए तो इनका समाधान हो सकता है. इसको लेकर स्थानीय पार्षद ने बोर्ड को अवगत करा दिया है, बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन इसको लेकर गंभीर नहीं है, इसी वजह से कॉलोनीवासी परेशान है, और अब आरपार की लड़ाई का मन बना रहे हैं. कॉलोनीवासियों ने बताया कि उनके द्वार नगर निगम को हर तरह के टैक्स का भुगतान किया जाता है, बावजूद इसके उनके घरों तक न तो जलापूर्ति योजना के तहत पाइपलाइन पहुंचा है, न गैस कनेक्शन और न ही उनके यहां से डोर- टू- डोर कचरा उठाव किया जा रहा है. यहां तक कि पास के सोसायटी के रसूखदार अपने- अपने घरों के गंदे कचरों को उनके एरिया में आकर फेंक जाते हैं, जिसे नगर निगम सफाई कराना भी जरूरी नहीं समझता है. कुल मिलाकर यूं कहें तो कॉलोनीवासी नारकीय जीवन जीने को विवश हैं, जिसपर संज्ञान लेनेवाला कोई नहीं.
आगे क्या
उपायुक्त दरबार से निराशा मिलने के बाद कॉलोनी वासियों में मायूसी छा गई है. कॉलोनी वासी अब आर- पार की लड़ाई का मन बना रहे हैं. इसको लेकर जल्द ही एक बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करने में जुटे हैं.
Reporter for Industrial Area Adityapur