चांडिल: चांडिल अनुमंडल में ऐसे कई आपराधिक मामले हुए हैं, जिनका खुलासा करने में पुलिस अबतक विफल रही. चांडिल अनुमंडल में शांति व्यवस्था स्थापित करने तथा कानून का राज स्थापित करने को एसडीपीओ संजय सिंह भले ही लाख दावे करते हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. चांडिल थाना क्षेत्र के घोड़ानेगी डबल मर्डर, चौका थाना क्षेत्र के घाट दुलमी मर्डर समेत कई ऐसे आपराधिक घटनाओं का खुलासा करने में पुलिस की नाकामी के कारण पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं.
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दरअसल, पिछले साल आज ही के दिन 18 मार्च को चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चौका थाना क्षेत्र के घाट दुलमी में आयोजित मेला में अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर आजसू नेता सुबोध सिंह मुंडा की हत्या कर दी थी. घटना के बाद आजसू नेताओं ने हत्याकांड का खुलासा तथा हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की थी. यहां तक कि आजसू केंद्रीय अध्यक्ष पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस भी दिवंगत आजसू नेता सुबोध सिंह मुंडा के घर पहुंचकर शोक जताया था और वहां पर मौजूद चौका थाना प्रभारी धर्मराज सिंह से अविलंब हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की थी, लेकिन दुर्भाग्य कहें या पुलिस की विफलता कहें, घटना के एक साल बाद भी मामले का खुलासा नहीं हुआ. मृतक सुबोध सिंह मुंडा चांडिल प्रखंड के आजसू पार्टी का मातकमडीह पंचायत अध्यक्ष था. सालभर बीतने के बाद हत्याकांड का खुलासा नहीं होने से आजसू नेताओं ने नाराजगी जताते हुए पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
चांडिल प्रखंड अध्यक्ष दुर्योधन गोप ने कहा कि पुलिस प्रशासन निकम्मी हो चुकी हैं. हेमंत सरकार में अपराधी बेलगाम होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन हेलमेट जांच में मग्न है. उन्होंने कहा कि जब तक आजसू नेता सुबोध सिंह मुंडा के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती हैं, तब तक पुलिस प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल उठता रहेगा. दुर्योधन गोप ने कहा कि हर मौके पर आजसू पार्टी पुलिस प्रशासन के विफलता को लेकर आवाज उठाने का काम करेगी.
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