खरसावां: शनिवार को उत्कल सम्मेलनी उडिया शिक्षक संघ सरायकेला- खरसावां द्वारा खरसावां के शिशु मंदिर प्रागंण में उत्कल सम्मेलनी के जिलाध्यक्ष सुमंत चन्द्र महांती की अध्यक्षता में धूमधाम से उडिया भाषा दिवस मनाया गया.
इस दौरान उडिया समाज के लोगो ओड़िया भाषा संस्कृति के उत्थान का संकल्प लिया. मौके पर उत्कल सम्मेलनी के जिला परिदर्शक सुशील षाड़गी ने कहा कि मातृभाषा और अपनी सभ्यता- संस्कृति के प्रति हमेशा सम्मान रखना हम सभी का कर्तव्य है.
भारत सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उड़िया भाषा को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देकर उड़िया भाषा- भाषी के लोगों बड़ा तोहफा दिया है. यह भाषा अति प्राचीन भाषाओं में एक है. जिसपर उड़िया भाषा- भाषी के लोगों को गर्व है. भाषाई विविधता सदैव ही हमारी सभ्यता का आधार रही है. हमारी मातृभाषाए सिर्फ संवाद का ही माध्यम नही है, बल्कि हमारा जीवन, हमारी संस्कृति हमारी पहचान एवं संस्कारी आधार हमारी मातृभाषा है.
उन्होने कहा कि शास्त्रीय उडिया भाषा दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्वभर में अपनी भाषा और संस्कृति की विविधताओं के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है, ताकि दुनिया में बहुभाषिता को बढ़ावा मिल सके. श्री सांडगी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में भाषा की अहम भूमिका है. भाषा के जरिये ही देश और विदेशों के साथ संवाद स्थापित किया जा सकता है. इसके महत्त्व को ध्यान में रखते हुए शास्त्रीय उडिया भाषा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाये जाने का उद्देश्य विश्व भर में भाषायी और सांस्कृतिक विविधता एवं बहुभाषिता का प्रसार करना और दुनिया में विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति जागरुकता लाना है.
इस दौरान मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष सुमंत चन्द्र महांती, जिला परिदर्शक सुशील षाड़गी, विरोजा पति, महासचिव अजय कुमार प्रधान, जयजीत षांड़गी, भरत चन्द्र मिश्रा, सपन मंडल, शिवचरण महतो, रंजीत मंडल, सुजीत हांजरा आदि उपस्थित थे.