सरायकेला (Pramod Singh) कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शुक्रवार को जिला यक्ष्मा विभाग एवं पीरामल स्वास्थ के संयुक्त प्रयास से विद्यालय के बच्चों एवं शिक्षको के लिए टीबी बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया.
पीरामल स्वास्थ के जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं यक्षमा विभाग से राजरतन ने टीबी बीमारी के लक्षण, जांच एवं उपचार की जानकारी दी. पीरामल स्वास्थ्य के ज़िला कार्यक्रम अधिकारी फ़ैज़ुल रहमान ने बताया कि टीबी की बीमारी माइक्रोबेकटेरियम ट्यूबर क्लोसिस बैक्टीरिया से होता है, जो फेफड़े को संक्रमित करता है. यह मानव शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है.
उन्होंने बताया कि टीबी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है इसलिए ज़ब भी किसी व्यक्ति को दो या दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, बुखार, थकान रात को पसीना आना आदि लक्षण दिखे तो तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर बलगम की जांच करानी चाहिए. जांच के उपरांत टीबी की पुष्टि होने पर सरकार द्वारा मरीज़ का नि:शुल्क इलाज किया जाता है. साथ ही सरकार द्वारा टीबी संक्रमित व्यक्ति को इलाज की अवधि के दौरान हर माह 500 रूपये पोषण के लिए भी दिए जाते है. बताया कि टीबी को आपसी सहभागिता से ही समाज से समाप्त किया जा सकता है.
ज़िला कार्यक्रम समन्वयक ब्यूटी कुमारी ने सभी छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को टीबी बीमारी को 2025 तक जड़ से समाप्त करने की शपथ दिलाई. ज़िला यक्ष्मा विभाग के राजरतन क्षत्रिय ने स्कूल के बच्चों से टीबी के संदिग्ध व्यक्ति को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर भेजने की अपील की. इस दौरान छात्राओं द्वारा चार्ट पेपर पर टीबी के स्लोगन बनाये गए थे.
वार्डन प्रियंका महतो द्वारा सभी छात्राओं से टीबी के लक्षण युक्त व्यक्ति को नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर बलग़म की जांच के लिए भेजने की अपील की गयी.
कार्यक्रम में फ़ैज़ुल रहमान, ब्यूटी कुमारी, विद्यालय की वार्डन प्रियंका महतो एवं अन्य शिक्षिकाएं अंजू अल्दा, दिव्यारोज जोजो, तनुश्री, रेखा महतो, अमीषा, जयंती महतो, देवयानी दास, पद्मिनी सुजाता आदि मौजूद रही.