सरायकेला: झारखंड शराब व्यापारी संघ ने राज्य के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री जगन्नाथ महतो को पत्र लिखकर आगामी वित्तीय वर्ष 2023- 24 लिए कुल 3500 करोड़ रुपए राजस्व देने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही राज्य के विकास के हित में बनाई गई नई शराब नीति में बदलाव करने की भी मांग की है.
पत्र में अनुरोध किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023- 24 में खुदरा शराब दुकान की बंदोबस्ती निजी हाथों में देना प्रस्तावित है और झारखण्ड शराब व्यापारी संघ वित्तीय वर्ष 2023- 24 में 3500 करोड़ रूपए राजस्व देने के लिए तैयार है. राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए राज्य हित में राजस्व की कैसे बढ़ोतरी हो और सरकार को हो रहे नुकसान से कैसे बचाया जाए इसके लिए राज्य के शराब व्यापारी के साथ विचार- विमर्श कर आगामी वित्तीय वर्ष के लिए शराब नीति में बदलाव किया जाए. संघ द्वारा 35 सौ करोड़ राजस्व देने हेतु विभाग से मुख्यतः दो बिंदुओं पर सहमति चाहता है. शराब की बिक्री दर (एमआरपी) पड़ोसी राज्य विशेषकर पश्चिम बंगाल से अधिक ना हो, ताकि शराब की चोरी का व्यापार रुक सके. अपनी दूसरी मांग में संघ ने खुदरा दुकानों की बंदोबस्ती विसर्प मान पद्धति (Sliding Scale) के तहत करने की मांग रखी तथा सेल टैक्स को एक्साईज ड्यूटी में मर्ज करने को राज्य हित में बताया. इसके लिए पड़ोसी राज्य प. बंगाल की एक्साईज पॉलिसी का अवलोकन करने का अनुरोध किया है.
संघ ने मंत्री से अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ आवश्यक विचार विमर्श कर शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया है. क्योंकि वित्तीय वर्ष 1 माह के बाद आरंभ होने वाला है. संघ का दावा है कि 2020- 21 में कोविड-19 को झेलते हुए बिना राहत के भी राज्य के शराब व्यापारी ने 21सौ करोड़ शुद्ध राजस्व उत्पाद विभाग को दिया था. अभी वर्तमान में 2022- 23 में राज्य की सामान्य स्थिति होने के बावजूद लक्ष्य से बहुत पीछे राजस्व प्राप्त हुआ है.