दुमका (Pradeep Kumar Singh) झारखंड सरकार के कल्याण विभाग की ओर से दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखण्ड में अनुसूचित जनजाति के बालकों के लिए आवासीय विद्यालय संचालित हो रहा है. शुक्रवार को अचानक प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी संजय कच्छप ने जब उक्त विद्यालय का निरीक्षण किया तो वहां खामियों का भंडार पाया.
किसी भी कार्य का कोई टाईम टेबल नहीं नज़र आ रहा था. चार बजे शाम में जब पदाधिकारी विद्यालय पहुंचे तो बच्चे स्नान कर रहे थे. बच्चों को कक्षा में बैठा कर पदाधिकारी ने कुछ सवाल पूछे तो बच्चों के पास कोई उत्तर नहीं था. मतलब अनुसूचित जनजाति के बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार द्वारा जो खर्च किया जा रहा है वह बेकार हो रहा है. जाहिर है बच्चों के भविष्य के साथ भी विद्यालय प्रबंधन खिलवाड़ कर रहा है.
video
जिला कल्याण पदाधिकारी संजय कच्छप ने मौके पर मौजूद प्रधानाध्यापक को नसीहत दी. बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यहां कई कमियां पाई गई. व्यवस्था कहीं से भी संतोषजनक नहीं है. हमने विद्यालय प्रबंधन को कई निर्देश दिए हैं और उसे जल्द से जल्द सुधारने को कहा है. आपको बता दें कि यह शिकारीपाड़ा प्रखंड का वही अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय है, जहां के दर्जनों छात्र लगभग दो माह पूर्व 26 नवम्बर को विद्यालय में व्याप्त व्यवस्था को लेकर दुमका- रामपुरहाट सड़क घंटों तक जाम रखा था. पदाधिकारी भी पहुंचे थे और सब कुछ ठीक करने की बात कही थी. बावजूद इसके किसी तरह का कोई सुधार अब तक नहीं किया गया है.
बाइट
संजय कच्छप (जिला कल्याण पदाधिकारी)