चाईबासा: अपनी हक और अधिकारों को बचाने सहित कुड़मी- महतो द्वारा आदिवासी बनने की मांग के विरूद्ध 5 मार्च को रांची के मोराहबादी मैदान में आदिवासियों द्वारा महारैली का आयोजन किया गया है. इस महारैली में पश्चिमी सिंहभूम से भी 10 हजार से अधिक लोग शामिल होंगे.
अधिक से अधिक लोगों को महारैली में जाने और व्यापक तैयारी के लिए कोल्हान आदिवासी एकता मंच चाईबासा की बैठक में हुई. बैठक मंच के अध्यक्ष देवेन्द्र नाथ चांपिया की अध्यक्षता में आदिवासी हो समाज महासभा कला एवं संस्कृति भवन हरिगुटू में हुई. बैठक में जिले के सभी आदिवासी विधायक, सांसद, जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न सामाजिक संगठन सहित अगुवाकर्त्ताओं को आमंत्रित किया गया है.
बैठक में महारैली के सफल एवं व्यापक आयोजन के लिए 9 सदस्य समिति का भी गठन किया गया. जिसमें सुरेश सोय, गणेश पाट पिंगुवा, इपिल सामड, गब्बर सिंह हेम्ब्रम,रवि बिरूली, राजकमल पाट पिंगुवा, सत्याजित हेम्ब्रम,शंकर चातोम्बा, काली चरण सवैयां शामिल है. यह टीम महारैली को सफल बनाने के लिए होने वाली खर्च, भोजन, परिवहन, जनसंपर्क अभियान, प्रचार- प्रसार सहित अन्य कामों को नियंत्रण एवं संचालन करेगी. बैठक में गणेश पाट पिंगुवा ने बताया कि क्षेत्र में कुड़मी- महतो के प्रति लोगों में काफी आक्रोश है. जन- जन तक यह संदेश पहुंच चुका है कि कुड़मी महतो किस प्रकार से आदिवासी की भाषा- संस्कृति एवं पहचान पर हमला कर रहे हैं. लोग गांव- गांव से विरोध करना शुरू कर दिए हैं. इन दिनों पर्व का महौल है लेकिन फिर भी महारैली में प्रत्येक गांव से लोग जरूर जाएंगे. गांव के मानकी-मुंडा गांव-गांव में बैठक और डिंडोरा कर मामले की जानकारी दे रहे हैं.
बैठक में आदिवासी एकता मंच के पदाधिकारी, मानकी मुंडा संघ के अध्यक्ष गणेश पाट पिंगुवा, मुंडा समाज, उरांव समाज, आदिवासी हो समाज, आदिवासी हो समाज युवा महासभा, आदिवासी हो समाज सेवानिवृत संगठन, आदिवासी सेंगेल अभियान, कोल्हान यंगर्स्ट यूनिटी, सहित कई मुंडा- मानकी एवं विभिन्न समाज एवं संगठन के लोग मौजूद थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur