खरसावां: राजमहल में संचालित राजा श्री रामचंद्र सिंहदेव सरस्वती शिशु मंदिर में रंगारंग सांस्कृतिक के बीच 23 वां वार्षिकोत्सव समारोह संपन्न हो गई. वार्षिकोत्सव समारोह का विधिवत उदघाटन खरसावां प्रमुख मनेन्द्र जामुदा, खरसावां थाना प्रभारी पिंटु मेहता, सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष सह समाजसेवी मनोज चैधरी, मुखिया सुनिता तापे आदि ने दीप प्रज्जलीप कर किया.
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मौके पर श्री जामुदा ने कहा कि शिक्षा के साथ स्कूली बच्चों में संस्कार जरूरी है. यदि संस्कार अच्छे मिलेंगे, तभी बच्चों की सोच अच्छी होगी. इसलिए माता- पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें. वहीं थाना प्रभारी श्री मेहता ने कहा कि समाज के लिए सबसे ज्यादा होता है संस्कार. जो सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चो में है. आज के बच्चे कल के भविष्य है. इनके भविष्य को संवारना है.
वही श्री चैधरी ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर पूरे भारतवर्ष में अनुषासित सनातनी और संस्कारी शिक्षा का अलख जगाता है. संस्कारी समाज के निर्माण हेतु कृत संकल्पित है. इस दौरान बच्चों ने गणेश वंदना कर विशेष प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की.
वही बच्चों ने वेलकम सांग‐‐‐, भगवान कृष्ण-सुदामा के दोस्ती पर आधारित नाटक, तेरी मिट्टी में मिल जावां‐‐‐, ओम साई राम‐‐‐, मोरो नाई से राधा रानी थाव‐‐‐, संस्कार का महत्व‐‐‐, धिन ता धारे ना‐‐‐ आदि गीत पर नृत्य कर समा बाध दिया. साथ ही लोगों की वाहवाही लूटी.
इस दौरान मुख्य रूप से प्रमुख मनेन्द्र जामुदा, थाना प्रभारी पिंटु मेहता, सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज चैधरी, मुखिया सुनिता तापे, राष्ट्रीय स्वय सेवक संघ के प्रमुख मोहन कच्छप, राजकुमार गोपाल नारायण सिंहदेव, सुशील कुम्हार, विजय प्रताप सिंहदेव, जयशंकर नंद, आलोक दास, शंभू मंडल, जयजीत सांरगी आदि उपस्थित थे.
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