सरायकेला (Pramod Singh) धोखे से रातों- रात विधानसभा में कृषि विपणन विधेयक पारित होने पर चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि ये विधेयक केवल घूसखोरी को बढ़ावा देगा. क्योंकि झारखंड एक खनिज प्रधान प्रदेश हैं. झारखंड में कृषि उपज ना के बराबर है. एक मात्र एक फसली धान की फसल यहां पर होती है.
झारखंड जैसे राज्य में केवल व्यापारियों को दोहन के उद्देश्य से कृषि मंत्री इस विधेयक को लागू करना चाह रहे हैं. जिसका समस्त व्यवसायी समाज और किसान विरोध कर रहे हैं.
इस संदर्भ में आज सारे झारखंड के व्यवसायी के साथ सरायकेला- खरसावां के थोक विक्रेताओं ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर और काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं एवं फेडरेशन चेंबर ऑफ कॉमर्स रांची के आह्वान पर रांची के वे व्यापारी महा जुटान में शामिल होने रांची आये है.
झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख द्वारा सदन में पारित कराए गए नए कृषि कानून विधेयक के विरोध में सारे झारखंड के व्यवसायी एकजुट हो गए हैं और जब बिहार, बंगाल, उड़ीसा एवं उत्तर प्रदेश जैसे कृषि प्रधान प्रदेश की राज्य सरकारों ने इसे किसान एवं व्यवसाय विरोधी बताकर और भ्रष्टाचार इंस्पेक्टर राज वाला कानून मानते हुए इसे रद्द कर दिया है. झारखंड प्रदेश की सरकार को भी किसान एवं व्यवसायी विरोधी और भ्रष्टाचार इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा देने वाला कानून मानते हुए इसे रद्द किया कर दिया जाना चाहिए, अन्यथा झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के निर्णय के आलोक में सरायकेला- खरसावां जिले के सभी खाद्यान्न व्यापारी 15 फरवरी से खाद्यान्नों से संबंधित सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे एवं झारखंड सरकार जब तक व्यापारी विरोधी काला कानून वापस नहीं लेती व्यापारियों का संघर्ष जारी रहेगा.
रांची में शामिल होने वालों में चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, अरुण कुमार सेकसरिया, मोहन कुमार, ललित कुमार चौधरी इत्यादि मुख्य रूप से शामिल थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur