खरसावां: भारत सरकार द्वारा देशवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने विभिन्न मंत्रालयों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी परिप्रेक्ष्य में कपड़ा मंत्रालय के केन्द्रीय रेशम बोर्ड की भारत सरकार के तहत बुनियादी बीज प्रगुणन एवं प्रशिक्षण केन्द्र खरसावां द्वारा केपेसिटी ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत “क्षमता निर्माण” पर 10 फरवरी तक पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक की भुमिका निभाते हुए बुनियादी बीज प्रगुणन व प्रशिक्षण केंद्र, खरसावां के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. तिरूपम रेड्डी ने कहा कि तसर किसानों प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने उदेश्य है. झारखंड में तसर के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आयेगी. वही खरसावां पीपीओ अखिलेश्वर प्रसाद एवं चाईबासा पीपीओ जिसमें मुख्यतः तसर गुणवत्तायुक्त रेशम उत्पादन, बीजोत्पादन, पीडक तथा रोग नियंत्रण के उपाय एवं कम लागत में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन के विषय शामिल रहे.
वही कोसा बीज केन्द्र, वारासिवनी द्वारा तसर कोसा से रीलिंग तथा उससे होने वाले लाभ, कीटपालन के दौरान कीटों की विभिन्न अवस्थाओं में होने वाले रोग एवं उनके रोकथाम, वनों में पाए जाने वाले साजा एवं अर्जुन पौधों की देखभाल तथा उनपर होने वाले रोग के नियंत्रण से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया. लगभग 22 प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न वन परिक्षेत्रों का भ्रमण भी करवाया जा रहा है.
वही किसानों के साथ तसर रेशमकीट पालन में कीट प्रबंधन, कीटानुशोधन पर चर्चा की गई. इस दौरान मुख्य रूप से खरसावां के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. तिरूपम रेड्डी, खरसावां अग्र परियोजना पदाधिकारी अखिलेश्वर प्रसाद एवं चाईबासा अग्र परियोजना पदाधिकारी के के यादव सहित किसान उपस्थित थे.