खरसावां: प्रखंड के कुम्हारसाई स्थित सामुदायिक भवन में शनिवार को जिला उत्कल सम्मेलनी सरायकेला- खरसावां द्वारा उत्कल गौरव स्व. मधुसूदन दास की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई. इस दौरान उत्कल गौरव मधुसूदन दास के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्वाजंलि दी गई.
साथ ही ओडिया भाषा- साहित्य को जन- जन पहुचाने का संकल्प लिया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित उत्कल सम्मेलनी सरायकेला- खरसावां के जिला परिदर्शक सुशील षांडगी ने कहा कि उत्कल गौरव मधुसूदन दास की पुण्यतिथि तभी सार्थक होगी. जब उडिया समाज अपने संकल्पों पर प्रतिबद्व रहेगी. नशाखोरी पर नियंत्रण, शिक्षा पर जोर व स्व- व्यवस्था को बेहतर करने जैसे तीन महत्वपूर्ण संकल्प लेना होगा. इससे समाज का दशा व दिशा अवश्य सुधरेगा.
उन्होने कहा कि ओडिया भाषा- साहित्य का विकास ही हमारा लक्ष्य है. विकास के प्रति उत्कल सम्मेलनी गंभीर है. इसके लिए ओडिया भाषा- साहित्य को जन- जन पहुंचाकर एवं महापुरूष मधुसूदन दास द्वारा उत्कल सम्मेलनी की स्थापना के उदेश्य को पूरा कर सच्ची श्रद्वाजंलि दें. ओडिया भाषा- साहित्य के विकास के लिए अपनी सहभागिता दे. श्री षांड़गी ने कहा कि महापुरूष का जन्म 28 अप्रैल 1848 को ओडिसा के कटक जिले के ग्राम सत्यमामापुर में हुआ था. उनके प्रयास से उत्कल सम्मेलनी का गठन 1903 में हुई . और सम्मेलनी के प्रयास से ही उडिसा प्रांत का गठन 1 अप्रैल 1936 को हुआ. 4 फरवरी 1934 को उनका निधन हुआ. उन्होंने जीवन पर्यंत भाषा- साहित्य व संस्कृति के उत्थान में महत्वपुर्ण भूमिका निभाई.
इस दौरान मुख्य रूप से जिला उत्कल सम्मेलनी के जिलाध्यक्ष सुमंत महांती, जिला परिदर्शक सुशील षांडगी, जिला सचिव अजय कुमार प्रधान, नरेन्द्र कुमार दास, जयजीत कुमार षांडगी, भरत चन्द्र मिश्रा, विश्वजीत दास, चन्द्रभानु प्रधान, संपन कुमार मंडल, सुजीत हाजरा, शिवचरण महतो, आदि उपस्थित थे.