दुमका (Mohit Kumar) दहेज प्रताड़ना और विदाई के लिए किए गए केस में सोमवार को व्यवहार न्यायालय पेशी के लिए आए देवघर के एक ही परिवार के पांच सदस्यों को सड़क हादसे में जान से मारने का प्रयास किया गया. फोर्ड कार की टक्कर से चार पहिया वाहन में सवार दो महिला समेत तीन लोग घायल हो गए.
वहीं एयरबैग खुल जाने की वजह से वाहन की अगली सीट में बैठे दो लोग बाल- बाल बच गए. सभी ने कार सवार लोगों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
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देवघर के दुर्गापुर निवासी जियारल अंसारी ने बताया कि वह कुर्सी बनाने का काम करता है. 13 अप्रैल 2019 को उसकी शादी दुमका जिले के तालझारी थाना क्षेत्र की रहने वाली अफसाना बीबी से हुई. ससुर फजल हक अंसारी चाहता था कि जिस तरह से उसका साढू घर जमाई बनकर साथ रहता है, उसी तरह से वह रहे. इंकार करने पर पिछले साल मई माह में जबरन पत्नी को लेकर चला गया. किसी तरह से विदा कर लाया तो अगस्त में फिर लेकर चला गया. देवघर के कुटुंब न्यायालय में विदाई के लिए केस किया तो उसे जान से मारने की धमकी मिलने लगी. कई बार मारपीट का प्रयास किया. केस होने के बाद पत्नी ने भी तालझारी थाना में दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया. उसी केस में सोमवार को दुमका के कुटुंब न्यायालय में उसकी, मां सुफेदा बीबी, पिता हदीश अंसारी, मौसी रकीबा बीबी व भाई मिकाइल अंसारी को पेश होना था. बोलेरो से सभी लोग दुमका आए. वहीं फोर्ड कार में ससुर फजल हक, साला सरफराज, साढू नाजिर अंसारी, पड़ोसी चिंटू, दो युवक व एक पुलिस वाला भी दुमका आया. कोर्ट के बाहर गाली- गलौज किया. वापस जाने के क्रम में पीछा किया और जामा थाना क्षेत्र के पालोजोरी मार्ग में सुनसान जगह पर ओवरटेक कर बोलेरो को साइड से टक्कर मार दी. गति तेज होने के कारण बोलेरो सड़क किनारे ईंट के ढेर से टकराकर पलटने से बच गई. एयर बैग खुल जाने की वजह से उसकी और वाहन चला रहा भाई बाल- बाल बच गया, जबकि मां, पिता और मौसी घायल हो गयी. इसके बाद कार सवार लोगों ने उसके व भाई के साथ मारपीट की. मेडिकल कालेज अस्पताल मेंं इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए देवघर रेफर कर दिया गया. पति जियारल अंसारी का आरोप है कि पत्नी के घर वाले सभी की जान लेना चाहते थे. लगातार पीछा कर रहे थे. सड़क हादसे के बहाने जान लेने के लिए बोलेरो में ठोकर मारी.
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जियारल अंसारी (पीड़ित)
इधर मेडिकल कालेज अस्पताल में पीड़ितों ने जामा थाना की पुलिस के आने का काफी इंतजार किया. चार बजे तक पुलिस नहीं आई तो सभी बेहतर इलाज के लिए देवघर चले गए.