जमशेदपुर: मंगलवार को बहुजन अधिकार मोर्चा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर झारखंड में गठबंधन की सरकार पर इलज़ाम लगाया कि इस सरकार के सारे वादे जुमले साबित हुए हैं. मॉब लिंचिंग का कानून हो, 1932 का खतियान हो, बहुजनों के आरक्षण की बात हो या, अल्पसंख्यकों का विकास हो. हर वादे पर यह सरकार अब तक विफल रही है, और सारे वादे जुमले साबित हुए हैं.
काशिफ़ रज़ा सिद्दीकी ने बताया कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व की सरकार ने 21 दिसंबर 2021 को झारखंड विधानसभा द्वारा शीतकालीन सत्र के दौरान पारित “मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग बिल, 2021” की रोकथाम, भीड़ को दो या दो से अधिक व्यक्तियों के समूह के रूप में परिभाषित करती है. इस बिल में मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों के लिए तीन साल से लेकर आजीवन कारावास और 25 लाख तक के जुर्माना की सज़ा का प्रावधान है. इस बिल को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने वापस लौटा दिया. राज्यपाल ने इस बिल के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि इस बिल में भीड़ (मॉब) को सही से परिभाषित नहीं किया गया है. अब सवाल यह है कि 13 महीने गुज़र जाने के बाद क्यों इस कानून पर अब तक पुनर्विचार नहीं किया गया. क्यों इतने गम्भीर विषय पर राज्य सरकार संवेदनशील नहीं है. झारखंड में 56 से अधिक मॉब लिंचिंग मामले हुए पर किसी में भी दोषियों को सज़ा नहीं हुई, और ना ही किसी बहुजन पीड़ित परिवार को कोई भी मुआवजा मिला. केवल एक मामले में सरकार ने मुआवजा और नौकरी की घोषणा की वो मामला हज़ारीबाग़ के रूपेश पांडेय के परिवार का था. क्या इससे यह समझा जाये कि सरकार केवल मुसलमानो, शेड्यूल कास्ट, आदिवासी और पिछड़ों को वोट के लिए इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि भीड़ तंत्र द्वारा हत्या के विरोध में जल्द बिल पास किया जाए वरना पूरे प्रदेश में इसके विरोध में आंदोलन शुरू करेंगे.
बहुजन अधिकार मोर्चा के प्रभारी नवीन मुर्मू के कहा कि हेमंत सरकार केवल जुमले पे जुमले दे रही है, और इनका सरकारी तंत्र पर कोई प्रभाव नहीं है. 1932 का खतियान भी जुमला सबूत हुआ और राज्यपाल ने इसको भी वापस लौटा दिया. इसको क्या समझा जाये. एक तरफ मुख्यमंत्री ख़ातियानी जोहार यात्रा निकाल रहे हैं और दूसरी तरफ उनकी सरकार द्वारा पारित विधेयक वापस लौटाए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हेमंत सोरेन सरकार नहीं संभाल पा रहे हैं तो उन्हें कुर्सी छोड़ देनी चाहिए और सक्षम आदिवासी नेतृत्व को मौका देना चाहिए.