औरंगाबाद (Dinanath Mouar) पूर्व मध्य रेल के दीनदयाल उपाध्याय मंडल अंतर्गत गया- डिहरी रेलखंड पर औरंगाबाद जिले के अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन से प्रसव वेदना से पीड़ित महिला को उतार कर उसका सुरक्षित प्रसव कराया गया. महिला ने फूल सी बच्ची को जन्म दिया है और जच्चा- बच्चा दोनो सुरक्षित है. सुंदर सी बालिका को जन्म देनेवाली महिला रीता देवी औरंगाबाद के ही कुटुम्बा प्रखंड के पिपरा बगाही गांव निवासी संतोष कुमार की पत्नी है.
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बताया जाता है कि रीता कुछ दिन पहले अपने मायके धनबाद गई थी. धनबाद से ही वह 3305 धनबाद- डिहरी इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन से पति के साथ ससुराल लौट रही थी. इसी दौरान गोमो जंक्शन पर उसे पेट में हल्का दर्द महसूस होने लगा लेकिन दर्द हल्का होने के कारण बर्दाश्त करती रही. इस बीच ट्रेन के रफीगंज स्टेशन के पास पहुंचते ही महिला के लिए दर्द असहनीय हो गया. वह कराहने लगी. ट्रेन में सफर कर रही अन्य सह यात्री महिलाओं को यह महिला का फुला हुआ पेट और उसे हो रहे असहनीय दर्द से कराहते देख यह समझने में देर नही लगी, कि उसे हो रही वेदना प्रसव वेदना है.प्रसव वेदना का मामला आते ही उसका सुरक्षित प्रसव कराने का उपाय तलाशा जाने लगा.
इसकी जानकारी अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर (एएसएम) प्रमोद कुमार को हुई जो संयोग से ट्रेन के उसी डिब्बे में सफर कर ड्यूटी के लिए आ रहे थे, को मिली. जानकारी मिलते ही उन्होने सहृदयता दिखाई और अनुग्रह नारायण रोड स्टेशन पर उस वक्त ङ्यूटी पर वहां मौजूद रेलकर्मियों को महिला को ट्रेन से उतार कर प्रसव कराने हेतु अस्पताल ले जाने के लिए व्हील चेयर, स्ट्रेचर और एम्बुलेंस का प्रबंध करने को कहा. अनुग्रह नारायण रोड स्टेशन पर मौजूद रेलकर्मियों ने भी सूझबुझ और मानवता का परिचय दिया और तत्काल सारे प्रबंध किए. स्टेशन पर ट्रेन के रूकते ही रेलकर्मियों ने महिला को स्ट्रेचर पर लेटाकर तत्काल ट्रेन से उतारा. स्टेशन के बाहर व्हील चेयर पर बैठाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया. इसके बाद एम्बुलेंस महिला को लेकर स्टेशन के नजदीक ही स्थित जम्होर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा.
वहां पूर्व सूचना मिलने से स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पहले से ही तैयार थी. स्वास्थ्यकर्मियों की टीम आनन- फानन में प्रसव वेदना से कराह रही महिला को एम्बुलेंस से उतार कर अस्पताल के लेबर रूम में ले गई जहां महिला ने एक सुंदर सी बालिका को जन्म दिया. बालिका की किलकारी गुंजते ही अस्पताल में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. रेलकर्मियों से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों ने यह कहते हुए खुशी और राहत महसूस किया कि उनका प्रयास रंग लाया तथा महिला का सुरक्षित प्रसव हो गया. प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित है. दंपत्ति भी बेहद खुश है. रेलवे के अधिकारियों एवं कर्मियों की तत्परता से महिला का सुरक्षित प्रसव कराने की हर जगह प्रशंसा की जा रही है. वही सुरक्षित प्रसव के बाद दंपत्ति व उनके परिजनों ने भी रेलवे के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता जाहिर की है। सुरक्षित प्रसव के बाद दंपत्ति अपने घर रवाना हो गये हैं.
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