जमशेदपुर: जैन समाज जमशेदपुर के संयोजक किशोर गोलछा ने श्री सम्मेद शिखरजी जैन तीर्थ पर हुए निर्णय के लिए आभार जताया है. किशोर गोलछा ने बताया कि श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ पर केन्द्र सरकार ने फैसला लेते हुए नोटिफिकेशन के विवादित बिन्दुओं को वापस ले लिया है. भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय अपने ऑफिस मेमोरेंडम नंबर F. No. 11-584/2014-WL दिनांक 5 जनवरी 2023 द्वारा स्पष्ट किया है कि श्री सम्मेद शिखर जी पर्वत क्षेत्र जैन धर्म का विश्व का सबसे पवित्र और पूजनीय तीर्थ स्थान है.
उन्होंने बताया कि दिनांक 2 अगस्त 2019 को जारी इको सेन्सेटिव जोन अधिसूचना स. एस.ओ. 2795(ई) के खंड 3 के प्रावधानों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई है, जसमे पर्यटन एवं इको- टूरिस्म गतिविधियां शामिल है. इसी आदेश में राज्य सरकार को तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया गया है तथा इसकी सूचना झारखण्ड सरकार के अपर मुख्य सचिव, (वन,पर्यावरण एवं जलवायु) श्री एल. खियांग्टे को भी दी गई है. झारखण्ड राज्य के मुख्य मंत्री हेमन्त सोरेन ने भी इस अधिसूचना को वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से की थी.
उन्होंने कहा कि जैन समाज द्वारा चलाये गए शांतिपूर्ण एवं अहिंसक आन्दोलन के बाद केन्द्र एवम झारखण्ड सरकार द्वारा उठाये गए कदम स्वागत योग्य है और धर्म ध्वजा को सम्मान देने वाले है. इसके लिए जैन समाज केन्द्र एवम राज्य सरकार का सदैव आभारी रहेगा. जैन समाज जमशेदपुर के द्वारा श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ रक्षा हेतु चलाए गए इस आन्दोलन को जैन समाज के सभी सम्प्रदायों के अलावा शहर के सभी संस्थाओं, समुदायों, जातियों, वर्गों एवं साधु संतो का अभूतपूर्व समर्थन मिला जिसकी परिणीति के फलस्वरूप ही आज यह रोक सम्भव हुई है.
उन्होंने कहा कि जैन समाज जमशेदपुर आज धर्म रक्षा में आप सभी की भूमिका के लिए अपनी कृतज्ञता एवं आभार प्रगट करता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया एवं सोशल मीडिया की अहम् भूमिका ने इस आन्दोलन को सफल बनाने हेतु जो योगदान दिया वो भी अविस्मरणीय है. निश्चित रूप से लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ ने अपनी भूमिका का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन किया है जिसके लिए जैन समाज आभार प्रदर्शित करता है.