कुचाई (प्रतिनिधि) प्रखंड के लैप्सो मैदान में वनाश्रितों द्वारा सामुदायिक वन संसाधनों पर प्रभुत्व स्थापना जनसभा और वनाधिकर शिलालेख स्थापित किया गया. ग्राम सभा एवं सामुदायिक वन पालन समिति के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पारंपरिक विधि विधान के तहत पूजा- अर्चना किया गया.
साथ ही खरसावां विधायक दशरथ गागराई द्वारा शिलालेख का उदघाटन किया गया. मौके पर श्री गागराई ने कहा कि जंगल हमारी प्राकृतिक विरासत है. इसका संरक्षण करना सबों की जिम्मेदारी है. वनाश्रितों के आर्थिक विकास के लिए जंगल को बचाना जरूरी है. उन्होने कहा कि जल जंगल जमीन पर अधिकार को लेकर वनाश्रित संघर्ष करते रहेगे. पर्यावरण को ध्यान में रखकर जीविकोपार्जन हेतु वनोपजों का उपयोग करे.
उन्होने कहा कि वन अधिकार कानून का क्रियान्वयन पूर्ण रूप से हो इसके लिए झारखंड सरकार ने प्रस्ताव पारित भी किया है. श्री गागराई ने बताया कि वनाधिकार मामले में विधानसभा में झारखंड जंगल बचाओ के ध्यान आष्टानुसार मेरे द्वारा पिछले समय से ध्यानाकर्षण किया जाता रहा है. आने वाले समय में भी जो विधि सम्मत होगा विधानसभा में विषय वस्तुओं को प्रस्तुत करने का काम करूंगा.
वही झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के केंद्रीय सदस्य सोहनलाल कुम्हार ने कहा कि आज शिलालेख कर वनाधिकार स्थापित किया गया. इस ग्राम में वर्ष 2020 को झारखंड सरकार ने वन अधिकार कानून 2006 के तहत लेपसो ग्राम सभा को वन अधिकार प्रमाण पत्र निर्गत किया है. कुल 306 एकड़ 71 डिसमिल वन भूमि पर समुदायिक अधिकार के रूप में वन अधिकार प्रमाण- पत्र प्रदान किया है. जबकि समुदायिक वन पालन समिति के राज्य प्रभारी राजेश कुमार महतो ने कहा कि वन अधिकार कानून 2006, पेशा कानून 1996 केंद्रीय कानून है. जिसे ग्राम सभा को लागू कर देना है. भारत आजाद के बाद वन विभाग के गलत नीति के कारण जंगलों का विनाश हुआ है. वनाश्रितो का भी विस्थापन हुआ है. जल- जंगल- जमीन, भाषा- संस्कृति से भी बेदखल होना पड़ा है. अब अपने गांव में अपना राज कायम करना है. इस कार्यक्रम में डांगो, रेगसा, भुरकुंडा, जोवाजांजीर, जुगीडीह, छोटा सेगोइ, गोपीडीह, कुंडियामार्चा, सामुडीह, दुखियाडीह, लेपसो, रायसिंहदरी, सोसोकड़ा, खरसावां, सरायकेला एवं निमडीह प्रखंड के वनाश्रित शामिल हुए. इस दौरान मुख्य रूप से विधायक दशरथ गगराई, झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के केंद्रीय सदस्य सोहनलाल कुम्हार, राजेश कुमार महतो, बिरसा हास्सा अधिवक्ता उच्च न्यायालय, प्रकाश भुइयां, सुखराम मुंडा, भारत मुंडा, मुखिया राम सोय मजूरा मुंडा, भरत मुंडा, मनोज मुदुईया, गणेश भूमिज, शिवनाथ मुंडा, कुंडिया सोय, भारत मुंडा, घनेश्याम मुंडा, मंगल सिंह मुंडा, राम मुंडा, मानकी बनडरा, रामकृष्ण मुंडारी, रामकिशन सोय सिंगराय मुंडा, सुरेश सोय, बबलू मुर्मू, बोसेन मुंडा, राजेश मूडरी, दोलू सिंह सरदार आदि उपस्थित थे.