गम्हरिया: सरायकेला- खरसावां जिला के गम्हरिया बलरामपुर स्थित गीतामृत बौद्धिक क्रांति केंद्र में आयोजित 18 दिवसीय गीता जयंती के 12 वें दिन बुधवार को गीता के ज्ञाता डॉ जंगबहादुर पांडेय ने गीता के 12 वें अध्याय का वर्णन किया.
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उन्होंने बताया कि सत्यनिष्ठ आचरण और स्वात्विक कर्म से विवेक उत्पन्न होती है और विवेक होने पर हृदय ज्ञान से प्रकाशित हो जाता है जिससे हम भगवान के निकट हो जाते हैं. जब भगवान निकट हो जाते हैं तो दुखरुपी अंधकार भाग जाता है. इसमें डा पंचानन सिंह तोमर, डीके गुप्ता, राजदेव तिवारी, हरिशंकर सिंह, पुरुषोत्तम मुखी, राम आशीष शर्मा, मनोज प्रसाद, उमेश मालाकार, धनंजय सिंह, ललित झा, रमंती देवी आदि शामिल हुए.
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Reporter for Industrial Area Adityapur
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