कुकड़ू (विद्युत महतो) देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. झारखंड अपनी स्थापना का 22 साल पूरा कर चुका है. इन 22 सालों में कितना बदला झारखंड ये दिखाने आपको हम लिए चलते हैं सरायकेला- खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल का कुकड़ू प्रखंड. जहां प्रधानमंत्री ग्रामीण विद्युतीकरण योजना हो या झारखंड सरकार की योजना यहां के ग्रामीणों को मयस्सर नहीं हो रहा है. जहां लोग आज भी ढिबरी युग में जीने को मजबूर हैं.
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जिसकी कल्पना करना उन्नत भारत की परिकल्पना को मुंह चिढ़ाने जैसा होगा. जी हां कुकड़ू प्रखंड के सिरकाडीह के हरिपुर टोला के हरिजन बस्ती के लोग आज भी ढिबरी युग में जी रहे हैं. कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद से इस बस्ती के लोगों ने बिजली नहीं देखी है.
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पांच साल पहले सरकारी आदेश पर 16 केवीए का ट्रांसफार्मर लगा था, जो आज बेकार पड़ा है, न विभाग को इसकी चिंता है, न सरकार को इसकी चिंता है. बिजली भले ग्रामीणों को मयस्सर न हो मगर विभाग बिल भेजना नहीं भूलता, जो हर महीना समय पर आता है. ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में हाथियों का आतंक व्याप्त है. बिजली नहीं होने के कारण हाथियों का डर बना रहता है, ऐसे में सरकार और विभाग को इस दिशा में पहल करने की जरूरत है.
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