खरसावां: झारखंड के वीर शहीदों के सपनों को साकार करने के उदेश्य को लेकर वृहद झारखण्ड जनाधिकार मंच दो दिवसीय जन जागरूकता अभियान खरसावां विधानसभा क्षेत्र के खूंटपानी से निकलकर मनोहरपुर में जाकर संर्पन्न हो गई. वृहद झारखण्ड जनाधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष बिरसा सोय के नेतृत्व में मंच के पदाधिकारियों व सदस्य लोगों के घरों तक दस्तक देकर मंच के उदेश्यों से अवगत कराया.
साथ ही सेरेंगसिया, गुवा और खरसावां के शहीदों के सपनों को पूरा करने का संक्लप लिया. मौके पर श्री सोय ने कहा कि वृहद झारखंड की लड़ाई सन 1928 ई से ही चली आ रही है. जो आज भी अधूरा है. वृहद झारखंड अलग राज्य बनाने का सपना हमारे वीर शहीदों का था. झारखंड एक मजबूत राज्य बन सके. इसके लिए विगत 100 वर्षों की लंबी लड़ाई में ना जाने हमारे कितने झारखंडियों को शहादत देनी पड़ी. आज हमारे पास ग्रेड झारखंड अलग राज होता. तो झारखंडी देश का नेतृत्व कर रहे होते. लेकिन एक साजिश के तहत सन 2000 में बिहार राज्य का एक टुकड़ा अलग कर झारखंड के रूप में दे दिया गया. इसके बाद भी झारखंडियों भला नहीं हो सका.
लगभग 22 वर्षों में सरकार गिरती और बनती रही. झारखंड को प्रयोगशाला के रूप में राजनीतिक दलों ने इस्तेमाल किया. विगत 20 वर्षों में राज्य की तस्वीर बदली लेकिन झारखंड के लोग दातुन, पता एवं लकड़ी बेचकर जीविका चलाने को मजबूर हैं. श्री सोय ने कहा कि दूर- दृष्टि सोच रखने वाले हमारे नेता वीर शहीद जयपाल सिंह मुंडा ने वृहद झारखंड अलग राज्य के रूप में झारखंडियों को मजबूत झारखंड राज्य सौपने का संक्लप लिया था. जो आज भी अधूरा है. वीर शहीदों के अधूरे सपने को साकार करने के लिए हमने वृहद झारखंड जन अधिकार मंच का गठन किया है. हमारा दृढ़ संकल्प है कि झारखंडियों का हक एवं अधिकार को किसी को भी छिनने नहीं देंगे.
इस जन जागरूकता अभियान में मुख्य रूप से केन्द्रीय अध्यक्ष बिरसा सोय, केन्द्रीय महासचिव ज्योतिष महाली, वरीय उपाध्यक्ष लॉरेंस जोजो, भारत उरांव, बिरसा बंकिरा, राजू मुंडा, दुर्गा रजक, जॉनसन गुड़िया, संजय महाली, पिंगल गुड़िया, बसंत कुमार महतो, जादू मुंडा संजय मेलगंडी, सानी रोगू, दामु पूर्ति, हिंदु बांसी, चौतन पूर्ति शामिल है.
बाईट
इन क्षेत्रों से गुजरी जन जागरूकता अभियान
वृहद झारखण्ड जनाधिकार मंच का जन जागरूकता अभियान खुंटपानी के पांड्रासाली चौक से शुरू होकर भोया, पुरुनिया, बड़ाबाम्बो, चिरुडीह, पोंडाकाटा, सुराबेड़ा, डांगो, भुरकुंडा के रास्ते से दलभंगा पहुंचेगी. जहां पर वीर शहीद भगवान बिरसा मुंडा जयंती में शामिल होकर उन्हे श्रक्षजंलि दी. इसके बाद कुचाई होते हुए पुनीबुडी सेरेंगदा, डोरो, आंरूवा, बयांग, लोपटा, तिलोपोदा, सांकोडीह, जोजोडीह, बोडडा होते हुए खरसावां पहुंचेंगे. जहां खरसावां शहीद स्थल में वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इाके बाद खरसावां पुराना बाजार होते हुए रायडीह, सीनी, कलियाडुंगरी, आसनबनी, यशपुर सीतारामपुर डैम, आदित्यपुर से जमशेदपुर जादूगोड़ा का राखामाइंस सरना चौक, घाटशिला, मुसाबनी जादूगोड़ा, हाता, राजनगर, चाईबासा चक्रधरपुर, सोनुवा, गोइलकेरा से आनंदपुर एवं मनोहरपुर में जाकर कार्यक्रम संर्पन्न हुई.
यह है संकल्प
वीर शहीदों के हर सपने को साकार करना, झारखंड के कोल्हान से हो रहे पलायन को रोकना, विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति करने, सरकारी विभागों में खतियान आधारित झारखंडियों को प्राथमिकता देने, हर स्वास्थ्य केंद्र में 24 घंटे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहने, झारखंड में अवैध रूप से कब्जा किए गए आदिवासी मूलवासियों की जमीन को अविलंब खाली कराने, सरकार दखल देहानी को लेकर अभियान चलाने, जल, जंगल, जमीन, हाषा- भाषा संस्कृति और इतिहास में हो रही छेड़छाड़ को बंद करने, खरसावां गोलीकांड की जांच सीबीआई से कराने एवं शहीद परिवारों को नौकरी एवं पेंशन देने, क्षेत्रीय भाषा लिपि एवं पर्व त्यौहार को स्कूली पाठशाला में जोड़ने, सीएनटी-एसपीटी एक्ट, पांचवी अनुसूचित कानून, पेशा कानून समता जजमेंट एवं विल्किंंसन रूल को धरातल पर सख्ती से लागू करने आदि संकल्प शामिल है.
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