कांड्रा (बिपिन वार्ष्णेय) लैंपस से लोन के रूप में मोटी राशि लेकर कुंभकर्णी निद्रा में सोए बकायेदारों पर शिकंजा कसना आरंभ हो गया है. नीलाम पत्र पदाधिकारी सह जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बकायेदारों के विरुद्ध बॉडी वारंट जारी किया गया था. जिसपर तामिला करते हुए गुरुवार को कांड्रा पुलिस ने एक डिफॉल्टर कांड्रा निवासी सपन मुखर्जी पिता स्वर्गीय सदानंद मुखर्जी को हिरासत में ले लिया और उसे न्यायिक अभिरक्षा में नीलाम पत्र पदाधिकारी के न्यायालय भेज दिया.
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इधर एक डिफॉल्टर की गिरफ्तारी होते ही अन्य ऋण धारको में हड़कंप मच गया है. बता दें कि लगभग 15 से 20 वर्ष पूर्व कई लोगों ने कांड्रा लैंपस से ऋण के रूप में एक मोटी राशि ली थी. लेकिन उनके द्वारा ना तो ऋण अदायगी की गई और ना ही ऋण धारकों ने लैंपस को राशि लौटाने में दिलचस्पी ली. इसका परिणाम रहा कि लैंपस की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय हो गई. प्रतिदिन लैंपस में अपनी जमा पूंजी जमा करने वालों का जमावड़ा लगने लगा. लेकिन राशि के अभाव में लोगों को उनकी जमा रकम वापस नहीं मिल पा रही है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी सह नीलाम पत्र पदाधिकारी के कार्यालय द्वारा कुंभकर्णी निद्रा में सोए डिफॉल्टरो के विरुद्ध बॉडी वारंट जारी किया गया और संबंधित थानों को इस पर अमल करने का निर्देश दिया गया. अब पुलिसिया कार्यवाई शुरू होते ही बकायेदारों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी हैं और वे पुलिसिया प्रकोप से बचने के लिए उपाय ढूंढने लगे हैं. दूसरी तरफ बकायेदारों पर आरंभ हुई इस कार्रवाई से लैंपस के आम खाताधारकों में खुशी की लहर है और उनमें अपनी जमा रकम वापसी की उम्मीद जग गई है.
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