सरायकेला (Pramod Singh) सरायकेला जिला मुख्यालय महालिमोरूप, सीनी व आसपास के क्षेत्रों में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को बोईतो बंदाण उत्सव मनाया गया. चन्द्रग्रहण लगने के कारण ओड़िया समाज के लोगों ने मंगलवार अहले सुबह 4 बजे से पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में नदी- सरोवर में कार्तिक स्नान किया.
इसके बाद सदियों पुरानी उत्कलीय परंपरा केला के पेड़ के छाल से तैयार नाव को सजा कर नदी और सरोवर में छोड़ा गया. आ का मा बोई, पान गुआ थोई…… पान गोई तोर मास क धर्म मोर….. इस लोक गीत के साथ लोगों ने पानी में नाव बहायी. डोंगा भोसा के रूप में प्रचलित इस परंपरा के तहत केले के तने, कागज और थर्मोकोल से बनाए गए नाव में दीप जलाकर पानी में छोड़ा. सरायकेला के खरकाई नदी के मांजना घाट व तेलीसाई घाट में भक्तों की भीड़ उमड़ी.
जहां महिलाओं ने डोंगा भोंसा कर परिवार के साथ क्षेत्र की सुख, शांति व समृद्वि की मंगलकामना की. कार्तिक पूर्णिमा के ब्रह्म मुहूर्त पर लोगों ने सूर्योदय से पूर्व नदी और तालाब में आस्था की डुबकी लगाई और पवित्र स्नान कर लोगों ने मंदिरों में पूजा अर्चना की.
Reporter for Industrial Area Adityapur