सरायकेला (Team indianewsviral.co.in) बीते बुधवार को सरायकेला बालमित्र थाना कक्ष में घाटशिला के मुड़ाकाटी गांव निवासी नाबालिग मोहन मुर्मू की संदिग्ध मौत के पांच दिनों बाद भी परिजनों ने शव नहीं लिया है. परिजन अभी भी 50 लाख मुआवजा, आश्रित को नौकरी और आरोपी थानेदार की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं.
गुरुवार को ही एसपी ने आनंद प्रकाश ने थाना प्रभारी मनोहर कुमार को निलंबित करते हुए पूरे मामले का मजिस्ट्रेटियल जांच की अनुशंसा कर दी है. शुक्रवार को एसपी आनंद प्रकाश के निर्देश पर आरोपी थानेदार एवं एएसआई के खिलाफ हत्या का मुकद्दमा दर्ज कर लिया गया है. मामला दर्ज होते ही आरोपी थानेदार फरार हो गए हैं. वहीं परिजन मृतक के आश्रित को 50 लाख रुपए मुआवजा, नौकरी और आरोपी थानेदार की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं. मांग नहीं माने जाने तक शव को लेने से इंकार कर दिया है.
परिजनों ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगायी है. वहीं सोमवार को मुख्यमंत्री के प्रस्तवित जमशेदपुर दौरे पर उन्हें अवगत कराते हुए इंसाफ मांगने की बात कही है. शनिवार से ही घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच शुरू हो चुकी है. साथ ही जिला बार एसोसिएशन की पहल पर नालसा से भी मुआवजा दिलाने की कवायद शुरू कर दी गई है. बावजूद इसके परिजनों ने पांचवे दिन भी शव लेने से इंकार कर दिया है.
सूत्रों की अगर माने तो इस घटनाक्रम को राजनीति रंग देने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि जिला पुलिस- प्रशासन शुरू से ही मामले को लेकर गंभीर है. डीसी- एसपी अपने स्तर से मृतक के आश्रित को हर संभव सहयोग करने का प्रयास कर रहे हैं. एसपी आनंद प्रकाश एवं उपायुक्त अरवा राजकमल ने अपने निजी फंड से दो लाख एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से तीन लाख मुआवजा देने एवं मृतक के शव को गांव तक ससम्मान भेजने का प्रबंध करने का भरोसा परिजनों को दिलाया है. साथ ही एसपी ने हर हाल में आरोपी थानेदार को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा पहले परिजन शव का ससम्मान अंतिम संस्कार कर लें उसके बाद थानेदार की गिरफ्तारी की जाएगी. उन्होंने कहा थानेदार को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
क्या है घटना जानिए एक नजर में
मृतक (मोहन मुर्मू) और सरायकेला के गोहिरा की युवती के बीच प्रेम- प्रसंग चल रहा था. इसकी जानकारी दोनों के परिवारवालों को थी. मृतक 27 अक्टूबर को बगैर लड़की के परिजनों को जानकारी दिए उसे अपने साथ घाटशिला के मुड़ाकाटी अपने गांव ले गया था. इस बीच युवती के परिजनों ने सरायकेला थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज करा दिया. इसी दौरान 31 अक्टूबर को युवती के परिजनों को युवती के मृतक के घर होने की जानकारी मिली, जिसके बाद युवती का भाई और जीजा (बहनोई) मुड़ाकाटी गए और युवती को जबरन लाने का प्रयास किया, जिसपर युवती ने बगैर युवक (मृतक) के जाने से इंकार कर दिया. इसपर युवती के भाई और जीजा ने युवक (मृतक) को भी साथ चलने की बात कही और सभी मुड़ाकाटी से सरायकेला लौटे. जहां सरायकेला पहुंचने पर युवती के भाई और जीजा दोनों को सरायकेला थाना ले गए. वहां दोनों को पेश करने के बाद युवक को परिजनों को सौंप देने और किसी तरह का कोई एफआईआर दर्ज न करने की बात कही. साथ ही युवक को युवती को भूल जाने की नसीहत देते हुए युवती को अपने साथ गोहिरा लेकर चले गए.
यहां से शुरू हुई युवक के मौत की कहानी
लड़की के परिजनों ने बगैर किसी एफआईआर के युवक को पुलिस को इस जिम्मवारी पर सौंपा ताकि पुलिस उसे उसके परिजनों तक सकुशल पहुंचा दे, मगर उन्हें क्या मालूम कि वे जीवन की सबसे बड़ी भूल करने जा रहे हैं. उनके जाते ही थानेदार मनोहर कुमार का आतंक युवक पर कहर बनकर टूट पड़ा. युवक के परिजनों से 80 हजार की मांग की गयी. जिसे नहीं चुका पाने के एवज में मोहन मुर्मू के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया जिससे उसकी मौत हो गयी. जिसे साजिश के तहत आत्महत्या का रूप दिया गया.
मृतक के पिता दुबाई मार्डी ने एफआईआर में दावा किया है कि उनका बेटा बेल्ट नहीं पहनता था. ऐसे में बेल्ट के सहारे मोहन बालमित्र थाने के बाथरूम में फांसी कैसे लगा सकता है. उन्होंने थाना प्रभारी मनोहर कुमार एवं ड्यूटी पर तैनात अन्य अधिकारियों एवं जवानों की भूमिका की जांच करते हुए न्याय की गुहार लगाई है. फिलहाल एसपी के निर्देश पर सरायकेला थाने में थाना प्रभारी मनोहर कुमार व अन्य के खिलाफ धारा धारा 342/ 302/ 201/ 385/ 389/ 109/ 119/ 341 pc के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. इसके साथ ही थानेदार पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है. हालांकि थाना प्रभारी निलंबन के बाद से ही भूमिगत हो गए हैं. ऐसे में देखना यह दिलचस्प होगा कि मृतक के शव को दो गज की जमीन कब नसीब होती है.
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