सरायकेला: सरायकेला बालमित्र थाना हाजत में नाबालिग की मौत के दो दिन बाद परिजन शुक्रवार को सरायकेला थाना पहुंचे. जहां परिजनों ने साफ कह दिया है कि, जबतक आरोपी थानेदार और लड़की के परिजनों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है तबतक मृतक्त का शव नहीं लेंगे.
साथ ही परिजनों ने यह भी कहा है कि मृतक के एक आश्रित को नौकरी और 50 लाख मुआवजा देने की मांग की है. परिजनों ने बताया कि मृतक अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था. बताया कि बूढ़े मां- बाप का एकमात्र मृतक ही सहारा था. परिजनों ने यह भी बताया कि जिस लड़की के साथ मृतक को लड़की वालों ने पुलिस को सौंपा था, दरअसल उसके साथ ही मृतक की शादी तय हुई थी. मृतक को लड़की वालों ने किस आधार पर पुलिस को सौंपा था और क्यों लड़की को उसके परिजन छुड़ा ले गए ? इसकी जांच करते हुए लड़की के परिजनों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की की मांग की.
परिजनों ने बताया कि 4 दिनों तक थाने में युवक के साथ अमानवीय बर्ताव किया गया और छोड़ने के एवज में 80 हजार रुपए की मांग की गई थी. 9000 देकर बाकी पैसों का प्रबंध करने गांव गए हुए थे. इसी दौरान युवक ने थाना प्रभारी की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली. जबकि युवक के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया गया था. परिजनों ने थाना प्रभारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाए जाने की मांग की. मामले की जानकारी मिलते ही एसपी आनंद प्रकाश, एसडीपीओ हरविंदर सिंह, गम्हरिया थाना प्रभारी राजीव कुमार, इंस्पेक्टर आलोक कुमार दुबे, राम अनूप महतो सरायकेला थाना पहुंचे. जहां दोनों पक्षों के बीच वार्ता में थानेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर सहमति बनी. दूसरे पक्ष से मृतक के माता- पिता, उसके परिजन, घाटशिला जिला परिषद देव्यानी मुर्मू, मुखिया संघ के अध्यक्ष, भाजपा नेता गणेश महाली, जिला अध्यक्ष विजय महतो व अन्य मौजूद रहे. फिलहाल वार्ता जारी है.
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उधर सरायकेला के निलंबित थाना प्रभारी मनोहर कुमार भूमिगत हो गए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवार सहित थाना प्रभारी किसी गुप्त ठिकाने पर चले गए हैं.
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मृतक का पिता
देव्यानी मुर्मू (जिला परिषद)
मुखिया संघ अध्यक्ष