सरायकेला: जिले की सड़कों के किनारे लगे बिजली के खंभों पर देश की अग्रणी फुटवेयर निर्माता कंपनियों में शुमार श्रीलेदर्स के प्रचार- प्रसार से सम्बंधित होर्डिंग्स कई सवालों को जन्म दे रहा है. हैरान करने वाली बात ये है कि इसपर न तो विभागीय अधिकारियों ने कोई संज्ञान लिया है, न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इस संबंध में संज्ञान लेना जरूरी समझा.
बता दें कि बीते 25 सितंबर को श्रीलेदर्स ने जमशेदपुर में अपने नए शोरूम का उद्घाटन किया है. इसको लेकर कंपनी ने व्यापक प्रचार- प्रसार किया. कोल्हान का शायद ही कोई ऐसा दीवार, आउटलेट्स, होर्डिंग्स, गांव- कस्बा होगा जहां श्रीलेदर्स ने प्रचार- प्रसार नहीं किया. यहां तक कि श्रीलेदर्स ने बिजली के खंभों को भी नहीं छोड़ा. गांव हो या कस्बा, सड़क हो या हाईवे, हर जगह लगे बिजली के खंभों पर श्रीलेदर्स के प्रचार से संबंधित होर्डिंग्स मिल जाएंगे. क्या यह सही है ! क्या बिजली विभाग से उन्हें अनुमति मिली है ! इस संबंध में जब हमने जमशेदपुर विद्युत महाप्रबंधक से संपर्क करने का प्रयास किया तो पहले उन्होंने मीटिंग में होने की बात कहकर फोन काट दिया. उसके बाद दोबारा फोन करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. अहम सवाल यह है, कि आखिर बिजली विभाग के खंभों को निजी प्रचार- प्रसार करने की अनुमति श्रीलेदर्स को किसने दी ? जबकि नियम कहता है कि बिजली विभाग के किसी भी उपकरणों एवं संसाधनों पर किसी तरह का विज्ञापन दंडनीय अपराध है. तो क्या बिजली विभाग ने पिछले दरवाजे से श्रीलेदर्स को सरकारी खंभों पर विज्ञापन लगाने की अनुमति दी है!
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Reporter for Industrial Area Adityapur