जमशेदपुर: बुधवार को चांडिल पुनर्वास कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन आमरण अनशन स्थल पर दुर्घटना होने के बाद उन्हें चांडिल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. घटना की सूचना मिलने पर आजसू केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो वहां पहुंचे थे और फौरन घायलों को बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर के टीएमएच में भर्ती कराया था.
हरेलाल महतो अपने निजी एम्बुलेंस से स्वयं घायलों को लेकर टीएमएच ले गए थे. इसके अलावा सांसद निधि से उपलब्ध कराई गई एम्बुलेंस से भी दो मरीजों को टीएमएच ले जाया गया था. टीएमएच अस्पताल में हरेलाल महतो ने पांच मरीजों को स्वयं भर्ती कराया था. वहीं, एक मरीज को पहले ही भर्ती कराया जा चुका था. देर रात तक सभी घायलों का एक्सरे और सिटी स्कैन समेत अन्य जांच करवाया गया. वहीं, गुरुवार सुबह से ही हरेलाल महतो टीएमएच अस्पताल में मौजूद रहे. अस्पताल से तीन घायलों को छुट्टी दी गई. छुट्टी मिलने वालों में नीमडीह के कल्याणपुर निवासी विस्थापित मातला गोराई व सीताराम गोराई तथा चांडिल स्टेशन शिवपुरी कॉलोनी निवासी प्रशांत महतो पिता प्रफुल्य महतो शामिल हैं. आजसू नेता हरेलाल महतो ने स्वयं कैश काउंटर पर जाकर तीनों का अस्पताल बिल जमा किया और उन्हें अपने निजी एम्बुलेंस से घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की. अस्पताल से डिस्चार्ज पाने वाले का कुल बिल 25,190 रुपये खर्च आया है, जिसका वहन हरेलाल महतो ने किया. वहीं, अभी तक अस्पताल में गंभीर रूप से घायल तीन विस्थापितों के परिजनों से हरेलाल महतो ने मुलाकात की और घायलों के इलाज व्यवस्था की जानकारी ली.
हरेलाल महतो ने अस्पताल प्रबंधन से बात की और तीनों घायल राकेश महतो, खेत्र मोहन गोराई और निरंजन गोराई के बेहतर इलाज की व्यवस्था करने को कहा. हरेलाल महतो ने प्रबंधन से कहा कि तीनों घायलों के इलाज में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए. जिस किसी चीज की जरूरत होगी, वे उसकी व्यवस्था करेंगे. प्रबंधन ने हरेलाल महतो को जानकारी दी है कि राकेश महतो का सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे जांच हो चुका है और कल एमआरआई जांच होगा. इसके बाद ऑपरेशन किया जाएगा. खेत्र मोहन गोराई का दांया पैर टूट गया है, उसका भी जांच किया गया है तथा ड्रिल प्लेट लगाया गया है, उसका भी कल ऑपरेशन किया जाएगा. वहीं, निरंजन गोराई की हालत बेहद नाजुक बताई गई. 70 वर्षीय निरंजन गोराई आईसीयू में भर्ती है. घायलों के साथ अस्पताल में रह रहे परिजनों को भी हरेलाल महतो ने भोजन, साबुन, तेल, कपड़े, इत्यादि के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की.
वहीं, परिजनों को आश्वस्त किया है कि मरीजों की सेवा के लिए वे हमेशा उपलब्ध हैं. मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था में वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं.