चांडिल (Manoj Swarnkar) पिछले एक महीने से चांडिल डैम के पानी से सैकड़ों गांव जलमग्न हैं. गांवों में पानी घुसने से विस्थापित परिवार सरकारी भवनों अथवा तंबू में शरण ले रखा है, उनके समक्ष जीवन यापन की कोई सामग्री नहीं है. पिछले दिनों आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो ने ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विस्थापित गांवों में प्रत्येक पीड़ित परिवार को चिन्हित कर उन्हें पर्याप्त राशन सामग्री उपलब्ध कराया था.
इधर अबतक डैम के जलस्तर में कमी नहीं आई हैं. इसको देखते हुए सोमवार को हरेलाल महतो ने पुनः ईचागढ़ प्रखंड के कालीचामदा में विस्थापित परिवारों से मुलाकात की, और उनका हाल चाल जाना. वहीं, काली चामदा के 50 विस्थापित परिवार को पर्याप्त राशन सामग्री उपलब्ध कराया. हरेलाल महतो ने विस्थापितों से कहा कि आप निश्चिंत रहें, मैं आपके साथ हूं. हक और अधिकार की लड़ाई में साथ दूंगा और जबतक हक अधिकार नहीं मिल जाता है तब राशन सामग्री वितरण जारी रहेगा.
इस मौके पर आजसू पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष गुरुपद सोरेन, जिला उपाध्यक्ष जीतू राम महतो, प्रखंड अध्यक्ष गोपेश महतो, शरत महतो, पंचायत अध्यक्ष ज्योतिंद्र गोप, सीमन्त मुंडा, कृष्णा प्रमाणिक, सूरत साव आदि मौजूद थे.
*गला फाड़कर भाषण देने या मुंह छिपाए घूमने से विस्थापितों का भला नहीं होगा: हरेलाल महतो*
हरेलाल महतो ने कहा कि लच्छेदार शायरी के साथ भाषण सुनने में अच्छा लगता है और भाषण देने वाले को भी मजा आता है. भाषण के माध्यम से हम अपनी बात सरकार और विभाग तक पहुंचा जरूर सकते हैं, लेकिन तत्काल विस्थापितों को रोजमर्रा के चीजों की जरूरत है. विस्थापितों को तत्काल जीने खाने के लिए राशन की जरूरत है, वह हमारे द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. गला फाड़कर भाषण देने अथवा मुंह छिपाकर भागने से तत्काल विस्थापितों को राहत नहीं मिलेगी. सुवर्णरेखा प्रशासन को डैम का जलस्तर कम करना चाहिए. बगैर पुनर्वास और रोजगार के घरों को डूबा देना, पूरी तरह से अमानवीय व्यवहार है.
*विस्थापितों के हक अधिकार के लिए आजसू करेगी हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर*
हरेलाल महतो ने कहा कि चांडिल डैम के विस्थापितों के हक और अधिकार की लड़ाई अब आजसू कानूनी प्रक्रिया के तहत लड़ेगी. चांडिल डैम के पीड़ित विस्थापित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए आजसू पार्टी की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया जाएगा. हरेलाल महतो ने बताया कि पार्टी ने जनहित याचिका दायर करने जिम्मेदारी उन्हें ही दी है. एक महीने पहले ही झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं से इस संबंध में चर्चा की गई और जनहित याचिका के विषय पर राय ली गई थी. इसके बाद आजसू केंद्रीय समिति के सदस्यों से मार्गदर्शन लिया गया है. पार्टी के निर्णय पर बहुत जल्द जनहित याचिका दायर किया जाएगा. जनहित याचिका में जरूरत पड़ने वाली कागजातों को तैयार करने के लिए विस्थापितों का एक अस्थायी समिति का गठन किया जाएगा.