जमशेदपुर (राजेश ठाकुर) झारखंड का विकास देखना हो तो जमशेदपुर चले आइए. झारखंड की आर्थिक राजधानी जमशेदपुर में आपको विकसित राज्य का वो झलक दिखेगा जिसे देख आप दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाएंगे और यही कहेंगे हाय रे झारखंड तू अलग क्यों हुआ!
राज्य गठन के 21 साल बाद झारखंड ने कई बदलाव देखे. मगर यदि कुछ नहीं बदला तो कोल्हान का इकलौता सबसे बड़ा सरकारी मेडीकल कॉलेज अस्पताल एमजीएम अस्पताल. यह आपको आज भी बिहार का याद दिला जाएगा.
एमजीएम अस्पताल का फोटो लगेगा
आपको बता दें कि हर साल इस अस्पताल के लिए करोड़ों का फंड बजट में पारित होता है, मगर अस्पताल की दुर्दशा देख आप बस यही कहेंगे जिस झारखंड को बिहार से अलग कर विकसित राज्य बनाने का सपना यहां के रहनुमाओं ने देखा था, आज उस राज्य में विकास की धज्जियां उड़ रहा है. वो भी ऐसे शहर में जहां का विधायक राज्य का स्वास्थ्य मंत्री है. जो जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि है. वैसे स्वास्थ्य मंत्री को छोड़ दिया जाए तो कोल्हान की धरती ने राज्य को तीन- तीन मुख्यमंत्री छः- छः मंत्री दिए मगर, किसी ने इस अस्पताल के बारे में नहीं सोचा. हां कागजों पर खूब दावे हो रहे हैं.
गौर से देखिए इस video को
ये है एमजीएम अस्पताल के बर्न वार्ड की दुर्दशा. पिछले दो दिनों से शहर में हो रहे साइक्लोनिक बारिश से अस्पताल का बर्न वार्ड जलमग्न हो चुका है. जरा अंदाजा लगा लीजिए यहां के मरीजों की क्या दशा हो रही होगी. उनका कितना देखभाल हो रहा होगा. लाचार और बेबस मरीज के परिजन खुद बर्न वार्ड से पानी निकालते हैं, और इलाजरत मरीजों तक पहुंचते हैं. जबकि सबसे ज्यादा सेंसिटिव वार्ड बर्न वार्ड ही होता है जरा सा इन्फेक्शन मरीज को मौत के मुहाने तक पहुंचा सकता है. अब इसे झारखंड की दुर्दशा कहें, या यहां के लोगों की बदनसीबी.
हकीकत यही है कि झारखंड सिर्फ और सिर्फ राजनीति का अखाड़ा बनकर रह गया है. यहां के रहनुमाओं को जनता के दु:ख और दर्द से कोई सरोकार नहीं. वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है, जब अस्पताल के बर्न वार्ड में पानी घुसा है. कमोबेश हर साल बारिश के मौसम में इस वार्ड की यही दशा रहती है.
कई बार नाले के पानी के रास्ते सांप भी घुस जाता है. इस संबंध में अस्पताल के अधीक्षक से जब जानने का प्रयास किया गया तो, उन्होंने कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया आखिर वे बताए भी तो क्या बताएं.
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मरीज के परिजन
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