सरायकेला (Pramod Singh) नीमडीह पोस्ट ऑफिस की पोस्ट मास्टर लखीमनी देवी की जगह उनके पति मोहित कुमार सेन उनके पोस्ट मास्टर का पद संभाल रहे थे. एक शिकायत पर मामले का खुलासा होने पर स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन राकेश मिश्रा ने इस पर कड़ी फटकार लगाई. और स्थाई लोक अदालत से न्याय की गुहार लगाने पहुंची गरीब पीड़िता सरस्वती महतो को न्याय दिलाया.
हालांकि पोस्ट ऑफिस नीमडीह के अमानवीय भरे पूरे मामले में पीड़िता सरस्वती महतो तब तक अपनी बड़ी दीदी को खो चुकी थी. नीमडीह की रहने वाली बेहद ही गरीब सरस्वती महतो मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा करती हैं. इसी क्रम में कुछ एक पैसे जोड़कर सरस्वती ने नीमडीह पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खुला कर पैसा जमा किए. जो ब्याज सहित तकरीबन 65680 था. इस दौरान सरस्वती की बड़ी दीदी गंभीर रूप से बीमार हुई. जिसके इलाज के लिए सरस्वती ने पोस्ट ऑफिस को उसके पैसे देने का आग्रह किया. परंतु नीमडीह पोस्ट ऑफिस के तथाकथित घालमेल में कहा गया कि वर्तमान में उसे 37089 ही दिया जा सकता है. बाकी पैसे अगले मार्च महीने में मिलेगा. इस दौरान जवाब देने पर सरस्वती को धमकाया भी गया. इस दौरान इलाज के अभाव में सरस्वती की बीमार बड़ी दीदी भी मर गई. जिस पर परेशान सरस्वती ने बीते 8 जून को स्थाई लोक अदालत में आवेदन देकर गुहार लगाई. मामले पर स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन राकेश मिश्रा ने सुनवाई करते हुए सरस्वती के सभी जमा पूंजी ब्याज के साथ लौटाने के निर्देश पोस्ट ऑफिस को दिए. जो आज शुक्रवार को नीमडिह पोस्ट ऑफिस ने ब्याज सही सारे पैसे पीड़िता को दे दिए. पीड़िता ने स्थाई लोक अदालत को धन्यवाद दिया.
बाईट
राकेश मिश्रा (चेयरमैन- स्थायी लोक अदालत)