औरंगाबाद (Dinanath Maur)
एनआइए की टीम ने शुक्रवार की सुबह जेल में बंद शीर्षस्थ माओवादी नेता विजय आर्य के बिहार के औरंगाबाद और राजधानी पटना समेत कुल चार ठिकानों पर दबिश दी.
एनआइए की विजय आर्य और उनकी जिला पार्षद पुत्री व गोह से विधानसभा चुनाव लड़ चुके राजद नेता श्याम सुंदर की पत्नी शोभा कुमारी के औरंगाबाद के गोह के महेश परासी व पटना के एजी कॉलोनी स्थित आवास, आर्य के गया के कर्मा स्थित पैतृक आवास एवं उनके एक सहयोगी अनिल यादव के रफीगंज के चंदौल गांव स्थित ठिकानें पर छापेमारी जारी है.
छापेमारी के दौरान एनआइए के अधिकारी विजय आर्य की जिला पार्षद पुत्री शोभा कुमारी, उनके पति राजद नेता एवं अन्य से आवश्यक पूछताछ कर रही है. रेड में अभी क्या मिला है, इसकी जानकारी नही मिल सकी है. गौरतलब है कि रोहतास जिले से गिरफ्तारी के बाद से विजय आर्य इस वक्त बेउर जेल में बंद हैं. एनआइए नक्सली गतिविधियों से जुड़े मामलों को लेकर यह छापेमारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक़ सुबह लगभग 5:30 बजे से रेड शुरू हुई है. विजय आर्य बड़े नक्सली नेता है और वे शुरू से ही बेहद चर्चित रहे है. मगध विश्वविद्यालय, बोधगया ने उन्हे अपने बेवसाइट पर नोटेबल अलुमनी की सूची में एक नाम के रूप में शामिल कर रखा है. वह मगध विवि का छात्र रहे है. अर्थशास्त्र से स्नातकोत्तर(एमए) है. कई पत्र- पत्रिकाओं का संपादन किया है. जेल में रहते हुए भी पत्र- पत्रिकाओं में उनका लेख छपता रहा है. जेल में उन्हे माओवादियों का गांधी कहा जाता रहा है. माओवादी नेता ने गुरारू चीनी मिल के मजदूरों की लड़ाई से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. बाद में वाम धारा की नक्सलपंथी संगठन एमसीसी में शामिल हो गये. माओवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी के सदस्य बनने के बाद सरकार ने जिंदा या मुर्दा पकड़े जाने पर इनाम घोषित किया था. बाद में उन्हे गिरफ्तार किया गया. हालिया गिरफ्तारी के पहले विजय आर्य करीब आठ वर्षों तक कटिहार, भागलपुर, बक्सर, करीम नगर, हैदराबाद, विशाखापट्नम, गया, सासाराम समेत अन्य जेलों में बंद रहे. वर्ष 2018 में न्यायालय ने बरी किया तबसे जेल से बाहर थे और अपने घर पर रह रहे थे. इसके बाद पुनः गिरफ्तारी के बाद से बेउर जेल में बंद है.
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