दुमका: राजधानी रांची के रिम्स में इलाजरत दुमका की बेटी अंकिता सिंह ने अंततः इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. अंकिता के दम तोड़ते ही राज्य में भूचाल आ गया है. विपक्ष के हाथ मानो बटेर लग गया हो. सोशल मीडिया पर राज्य के बड़े- बड़े नेता ट्वीट पर ट्वीट कर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. हिंदूवादी संगठन सड़क पर उतर चुकी है.
इधर उपराजधानी दुमका में अंकिता के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. संभवत: देर शाम तक अंकिता का शव दुमका पहुंच जाएगा. उधर हिंदूवादी संगठनों ने दुमका प्रशासन और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बजरंग दल के कार्यकर्ता सड़क पर उतर अंकिता के हत्यारों को फांसी की मांग कर रहे हैं.
अंकिता के घर के बाहर का नजारा
बता दें कि बीते रविवार को शाहरुख नामक सनकी आशिक ने एकतरफा प्रेम के चक्कर में 11 वीं की छात्रा अंकिता पर पेट्रोल छिड़ककर उसे आग लगा दी थी. अंकिता 95 फ़ीसदी तक जल चुकी थी. जिसका पहले फूलो झानो अस्पताल में इलाज हुआ, जहां से बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया गया. जहां रविवार की सुबह अंकिता ने दम तोड़ दिया. विपक्ष की नाराजगी इस बात को लेकर है, कि राज्य सरकार सत्ता बचाने के चक्कर में अंकिता का सुध लेना जरूरी नहीं समझा. सत्ताधारी दल के एक भी नेता, मंत्री या विधायक अंकिता या उसके परिजनों से मिलने नहीं पहुंचे. इसी बात को लेकर विपक्ष हमलावर है. दुमका की पूर्व विधायक और राज्य की मंत्री रही डॉक्टर लुईस मरांडी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मंत्री अमर बावरी सरीखे नेताओं ने ट्वीट कर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है, और फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग उठाई है.
दुमका की सड़कों पर अंकिता की मौत के बाद आक्रोशित हिंदूवादी संगठनों के लोगों का विरोध
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वैसे यह कोई पहली अंकिता नहीं है, इससे पूर्व भी कई अंकिता ने अपनी जान गंवाई है, मगर आज तक शायद किसी को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए तत्काल सजा मिली हो, हां सजा जरूर मिली है, मगर उसके लिए पीड़ित परिवार को काफी जिल्लत झेलनी पड़ी है. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष इस पर मंथन करे, और भविष्य में दोबारा कोई बेटी ऐसी घटना का शिकार ना हो इसकी पहल करें. न्यायपालिका को इस दिशा में सख्त कानून ही नहीं, बल्कि उसे अमलीजामा पहनाने की पहल करनी चाहिए. फिलहाल अंकिता की मौत के बाद झारखंड में नया बवाल मचा हुआ है. अब देखना यह दिलचस्प होगा, कि इसका अंत कब होता है. वैसे अंकिता का कातिल सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है.
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राजीव मिश्रा (छात्र नेता)
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बजरंग दल कार्यकर्ता