आदित्यपुर: झारखंड के उद्योग सचिव वंदना दादेल शुक्रवार को सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर ऑटो क्लस्टर पहुंची. जहां उन्होंने उद्यमियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शिरकत किया. इस दौरान सरायकेला एवं जमशेदपुर के उद्यमी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. इस दौरान उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह एवं जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन भी मौजूद रहे. इससे पूर्व बारी- बारी से उद्यमी संगठनों ने अपनी समस्याएं एवं सुझाव मंचासीन पदाधिकारियों के समक्ष रखा.
क्या कहा उद्यमी संगठन के प्रतिनिधियों ने
सबसे पहले एसिया अध्यक्ष संतोष खेतान ने आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया से संबंधित समस्याओं को मंचासीन पदाधिकारियों के समक्ष रखते हुए कहा आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कें इन दिनों बदहाल हो चुकी है. जिससे सड़क से शुरू हुआ सफर वापस सड़क तक पहुंच चुका है. इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते हुए रेंट लेवी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा उद्यमियों से 2004 से रेंट ले ली जा रही है, जबकि 2019 से लिया जाना चाहिए, इसको लेकर महाधिवक्ता से रायशुमारी की गई है.
उसके बाद सीआईआई झारखंड चैप्टर के चेयरमैन तापस साहू ने बताया कि आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया ऑटो इंडस्ट्रीज की जननी है, मगर ट्रैक्टर एवं टू व्हीलर इंडस्ट्रीज को भी लाने की कवायद होनी चाहिए. इसमें सीआईआई झारखंड चैप्टर विभाग एवं सरकार को पूरा सहयोग करने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि बड़े उद्योगों को अपने उद्यम को बढ़ाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, विभाग को इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
इसी क्रम में उद्यमी संगठन लघु उद्योग भारती के महासचिव समीर सिंह ने इंडस्ट्रियल एरिया में पेयजल एवं ड्रेनेज की समस्या से मंचासीन पदाधिकारियों को अवगत कराते हुए समाधान की मांग की. इसके अलावा उन्होंने उद्यमी कॉलोनी योजना जो 1986 में लाई गई थी, जो किसी न किसी कारण से रद्द कर दिया गया है, उस पर पुनर्विचार किए जाने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने इसके पीछे साजिश होने की बात भी कही. है.
सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि वर्तमान समय के युवा नौकरी देने के बजाय नौकरी करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. क्योंकि झारखंड इंडस्ट्रियल पॉलिसी काफी की प्रक्रिया काफी जटिल हो चुकी है. उन्होंने बिजली के दर में समानता की बात उठाई. उन्होंने कहा कि डीवीसी 3.60 रु. पैसे प्रति यूनिट की दर पर बिजली उपलब्ध करा रहा है, जबकि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड 5.60 रु के दर पर बिजली दे रहा है. यही कारण है कि कोल्हान क्षेत्र के ज्यादातर उद्यमी पलायन कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने माइक्रोलैंड की व्यवस्था कराए जाने की वकालत की, ताकि 10000 स्क्वायर फीट तक की जमीन बिडिंग से मुक्त हो सके. वहीं नगर निगम द्वारा उद्यमियों से होल्डिंग टैक्स लिए जाने को भी उन्होंने गलत ठहराते हुए इस पर पुनर्विचार किए जाने की मांग झारखंड सरकार से उठाई.
ट्राइबल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (टिक्की) के राष्ट्रीय महासचिव बसंत तिर्की ने कहा 12 जुलाई 2019 को तत्कालीन सरकार ने एसटी को आधे दर पर जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, जो आज तक संभव नहीं हो सका है. अन्य राज्यों के तौर पर इसके लिए अलग से पॉलिसी का निर्धारण होना चाहिए.
अंत में दलित चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (डिक्की) के अध्यक्ष डोमेन टुडू ने ऑटो क्लस्टर के तर्ज पर गारमेंट्स एवं सिल्क क्लस्टर बनाए जाने की वकालत की, ताकि पहले जेनरेशन के एंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ने में सुविधा मिल सके. उन्होंने बताया कि पहली बार डिक्की भी इंडस्ट्रियल सेक्टर में प्रवेश कर रहा है ऐसे में उन्हें आगे बढ़ाने के लिए इस पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए. उन्होंने ऑटोक्लस्टर में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित किए जाने की मांग की.
इसी क्रम में उद्यमियों के सवालों का जवाब देते हुए उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा वैश्विक त्रासदी कोरोना की वजह से भौतिक बैठक नहीं हो पाया जिसकी वजह से झारखंड में उद्यमियों के साथ सीधा संवाद नहीं हो सका यही कारण है कि औद्योगिक विकास में थोड़ी नरमी आई है, मगर सरकार और विभाग उद्योगों को आगे बढ़ाने को लेकर पूरी तरह से संकल्पित है. इस दिशा में उद्यमियों के जो भी सुझाव आ रहे हैं उस पर अमल किया जाएगा. खासकर वर्तमान सचिन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की उन्होंने सराहना की. वहीं उन्होंने मौजूद उद्यमियों को इंधन बेस्ट इंडस्ट्रीज से धीरे-धीरे अपने उद्यमों को इलेक्ट्रिकल बेस्ड इंडस्ट्रीज की ओर हस्तांतरित करने को लेकर प्रयास करने की बात कही. उन्होंने बताया कि जल्द ही क्षेत्रीय निदेशक को कुछ अधिकार दिए जाएंगे ताकि छोटी-मोटी समस्याओं का निराकरण क्षेत्रीय स्तर पर ही संभव हो सके, इसका उद्यमियों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया.
अंत में उद्योग सचिव वंदना दादेल ने बताया कि नई उद्योग पॉलिसी तैयार किया जा रहा है उद्यमी अपने सुझाव ईमेल के जरिए दे सकते हैं, ताकि राज्य की उद्योग पॉलिसी बेहतर बन सके. टिक्की एवं डिक्की की मांगों को विशेष ध्यान में रखने की बात उन्होंने कही है. सीआईआई और चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की मांगों को भी प्रमुखता से दूर करने की बात उन्होंने कही. जमीन से संबंधित परेशानियों को दूर करने का उन्होंने भरोसा दिलाया. साथ ही राज्य में वर्ल्ड क्लास इंडस्ट्रीज स्थापित करने की बात उन्होंने कही है. उन्होंने कहा इसके लिए सरकार पूरी तरह से गंभीर है. देवघर में प्लास्टिक इंडस्ट्रीज, रांची में गारमेंट इंडस्ट्री स्थापित होने की बात उन्होंने कही है. अंत में श्रीमती दादेल ने आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के विकास में अपनी भूमिका पर उद्यमियों द्वारा किए गए प्रशंसा का आभार जताया. मंच का संचालन एसिया के पूर्व महासचिव प्रवीण गुटगुटिया ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन वर्तमान महासचिव दशरथ उपाध्याय ने किया. इस दौरान उद्यमियों ने सचिव एवं निदेशक का स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया.
बता दें कि आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के विकास का खाका उपायुक्त रहते श्रीमती दादेल ने ही तैयार किया था. तत्कालीन आयडा की एमडी सह जिला उपायुक्त श्रीमती वंदना दादेल ने आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाई थी. उद्यमियों ने उसको ध्यान में रखते हुए उनसे आग्रह किया, कि बतौर विभागीय सचिव आदित्यपुर के विकास को लेकर प्रतिबद्धता दिखाएं. वही आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के वर्तमान स्वरूप को देख श्रीमती दादेल ने कहा, कि आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के विकास का खाका उन्होंने इसलिए तैयार किया था क्योंकि यहां की जमीन काफी उर्वरा थी. जो आज फल के रूप में सामने आ रहा है, इसे देखकर काफी प्रसन्नता हो रही है. उन्होंने उद्यमियों को हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया.
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