रांची: आंगनवाड़ी सेविका व सहायिका का मानदेय बढ़ाने और नियम में सुधार हेतु प्रोजेक्ट भवन में बुधवार को महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री जोबा माझी की अध्यक्षता में आंगनबाड़ी से संबंधित सभी यूनियनों के प्रतिनिधि, सिल्ली विधायक सुदेश महतो व सरकार के नुमाइंदे (विभाग के सचिव व अन्य) सभी के साथ बैठक हुई.
बैठक में विभाग की तरफ से एक प्रारूप रखा गया. उस प्रारूप पर बैठक में चर्चा हुई जिसमें निम्नलिखित सुधार हेतु मंत्रिमंडल में पास होने के लिए प्रमुख विषय तय किये गए. इस बैठक में भारतीय मजदूर संघ झारखंड प्रदेश के प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष एसएन सिंह, उपाध्यक्ष व आंगनवाड़ी के संगठन मंत्री रामचन्द्र गोप व प्रदेश संगठन मंत्री ब्रजेश कुमार एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे. यह जानकारी मंत्री अभिमन्यु सिंह ने दी.
*इन मांगों पर हुआ विचार*
सेविका की नियुक्ति हेतु 12 वीं पास होना चाहिए. उसमें भी मार्क्स बेसिस पर (योग्यता के आधार पर), जिसमें पंचायत/ वार्ड स्तरीय समिति द्वारा चयनित व जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित होना अनिवार्य है. सेविका का मानधन 9500/- व सहायिका का 4750/- तय किया गया. लघु आंगनबाड़ी सेविका का दर्जा समाप्त कर सभी को सेविका का दर्जा रहेगा.
अधिसूचना से ही बढ़ा हुआ मानदेय लागू हो जाएगा. सेविका का प्रतिवर्ष 500 रु प्रतिमाह मानदेय में वृध्दि होगी और सहायिका का प्रतिवर्ष 250 रु प्रतिमाह मानदेय में वृध्दि होगी. ईपीएफ में 6% राज्य सरकार व 6% सेविका के मानदेय से अंशदान देने का प्रावधान किया गया, ताकि सेवानिवृति पर पेंशन दी जा सके. शैक्षिणिक योग्यता के आधार पर 50% प्रमोशन. आंगनबाड़ी सेविका/ सहायिका के कार्य अवधि में मृत्यु होने की स्थिति में आंगनबाड़ी सेविका/ सहायिका की अहर्ता पूर्ण करने पर मृतक के एक आश्रित को अनुकंपा का लाभ पुत्र वधू को दिया जाएगा.