आदित्यपुर: शुक्रवार से हो रहे सरायकेला के अलावा आसपास के इलाकों में मूसलाधार बारिश से एक ओर जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है वही जिले की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
उधर खरकई नदी के तटीय इलाकों में रह रहे लोग धीरे- धीरे पलायन कर रहे हैं. अचानक बढ़े जलस्तर से लोग घरों से जरूरी सामान लेकर सड़क पर रतजगा करने को विवश हैं.
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आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के सभी तटीय इलाकों के वार्ड पार्षद अपने- अपने क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं. वार्ड 18 के पार्षद रंजन सिंह अपने क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ उनके लिए भोजन का प्रबंध भी कर रहे हैं.
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उन्होंने इसके लिए सीधे-सीधे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि बगैर सूचना के सभी डैम के फाटक खोल दिए गए और लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर दिया गया. उन्होंने कहा उनके वार्ड के करीब 3000 लोग प्रभावित हुए हैं. सभी के लिए सुरक्षित स्थल की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा सभी के भोजन का प्रबंध भी किया जा रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को हो रही है. उनके लिए दूध का प्रबंध भी करने का प्रयास किया गया मगर अत्यधिक मात्रा में दूध की उपलब्धता नहीं हो सकी है. फिलहाल सभी के लिए भोजन का प्रबंध किया जा रहा है. इसमें उनकी पूरी टीम तन मन से लगी हुई है
बाईट
रंजन सिंह (पार्षद- वार्ड 18 आदित्यपुर नगर निगम)
इन इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी
शनिवार को आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 34 स्थित बाबा कुटी, वास्तु विहार, वार्ड 18 के राम मड़ैया बस्ती, वार्ड 29 के राधा स्वामी बस्ती, केसरी गैस गोदाम का इलाका, बेल्डीह बस्ती, हरिओम नगर का तटीय इलाका सहित तटीय इलाके के आधा दर्जन बस्ती जलमग्न हो चुके हैं. वही प्रशासनिक व्यवस्था इस दौरान नगण्य नजर आई. स्थानीय पार्षद अपने स्तर से राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. देर रात तक नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखी गयी. आदित्यपुर के थानेदार भी राहत और बचाव कार्य में जुटे रहे. बताया जा रहा है कि केसरी गैस गोदाम के समीप कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया. जहां आदित्यपुर एवं आरआईटी थाना प्रभारी द्वारा देर रात तक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का प्रबंध किया गया
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