चाईबासा: टाटा कॉलेज मोड़ से लेकर सिंहपोखरिया जाने वाली एन एच 73 पथ की हालात काफी जर्जर हो गई है. जबकि राज्य सरकार द्वारा एक साल पहले तीन करोड़ रुपए की लागत से सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा के प्रयास से सड़क की दुर्दशा सुधारने का काम शुरू किया गया था, परंतु विभागीय उदासीनता के कारण लीपापोती कर दी गई. फलस्वरुप सड़क आज बिल्कुल ही खराब हालात में है, जिससे स्कूली बच्चे, रोजाना रोजी- रोटी कमाने वाले लोग, बीमार एवं दिव्यांग लोग व्यापार करने वाले तथा उस रास्ते से आने- जाने वाले लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
सड़क में बड़े- बड़े गड्ढे हो गए है जिससे हमेशा दुर्घटना घटती थी. जान- माल का नुकसान उठाना पड़ता है. उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा तथा सांसद गीता कोड़ा ने कही है उनका कहना है, कि सड़क को लेकर कई बार संबंधित विभाग से पत्राचार किया गया. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में मुलाकात कर सांसद गीता कोड़ा ने एनएच 75 इस सड़क की दुर्दशा सुधारने का अनुरोध किया था, परंतु अभी तक कोई भी सार्थक परिणाम धरातल पर नहीं उतरा, टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है. परंतु कार्य कब शुरू होगा कोई पता नहीं फलस्वरूप आम जनता को हो रही परेशानियों से निजात दिलाने के लिए कांग्रेसियों ने बीड़ा उठाया और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं सांसद गीता कोड़ा के नेतृत्व में सड़क पर उतर कर श्रमदान किया.
हाथ में कुदाल बेलचा लेकर खुद सांसद गीता कोड़ा एवं पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा लोगों का उत्साह वर्धन करते हुए श्रमदान किया इसके अलावा सड़क मरम्मत कार्य के लिए गीता कोड़ा के द्वारा तीन जेसीबी एवं लगभग दस ट्रैक्टर- हाईवा इत्यादि लगाए गए. कई बड़े- बड़े गड्ढे शाम तक भर भी दिए गए है और आवागमन सुचारू रूप से हो रहा है. सड़क मरम्मती करण कार्य शुरू होने से स्कूली बच्चों सहित आमजन की खुशी साफ झलक रही थी. स्कूली बच्चों ने झारखण्ड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को हाथ हिला कर खुशी इजहार किया. साथ ही छोटे वाहन मालिक से लेकर बड़े बस मालिक एवं यात्रा करने वाले यात्रियों ने भी सांसद गीता कोड़ा के प्रति आभार व्यक्त किया. दूसरी ओर सांसद गीता कोड़ा ने कहा, कि भाजपा जन सरोकार की कार्यों में भी राजनीति करती है, जबकि उन्हें भी वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है. किंतु समस्या समाधान के लिए आगे आने की जगह केवल त्रुटि निकालने में व्यस्त रहते हैं. श्रमदान करने वालों में कांग्रेस के दिकु सावैयां, चंद्रशेखर दास, त्रिशानु राय, जितेन्द्र नाथ ओझा, लक्ष्मण हासदा, विश्वनाथ तामसोय, हरीश चन्द्र बोदरा, अविनाश कोड़ाह, विकास वर्मा, धीरज गागराई, रितेश कुमार तामसोय, बिरसा कुंटिया, पूर्ण चन्द्र सावैयां, राहुल लाल दास, सिकुर गोप, सचिन सावैयां, विजय सिंह तुबिद, सिंघराय गोप, प्रधान सावैयां, जोलेन सावैयां, कैरा बिरुवा, रविन्द्र बिरुवा, शेखर दास, नारायण निषाद, कोलाय सावैयां, राजु कारवा, संजय गुप्ता, मथुरा चाम्पिया, रफैल सुंडी, अनिल दास, बसंत गोप, संजय सुंडी, सुनील सावैयां, अर्जुन सिंह देवगम, जगबंधु हेम्ब्रम, सुकु कुम्हार, सैलिश कुमार पुरती के अलावे बस एजेंट अन्नू यादव, गणेश तिवारी, शिव शंकर राम, बबलू उरांव, सौरभ तिवारी, प्रह्लाद तिवारी, दीपक यादव, सुनील कच्छप, बीके वर्मा, मंटू यादव सहित सैकड़ों लोग शामिल थे.
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