जमशेदपुर (Charanjeet Singh)
सिदगोड़ा थाना क्षेत्र से एक नाबालिग लड़की को शादी की नीयत से भगाने में चाईबासा झीकपानी के रहने वाले खगेन चंद्र दास को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. कारण यह है कि पीड़िता की ओर से आरोपी को कोर्ट में पहचान करने से इनकार कर दिया गया. इस मामले में एडीजे 4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवायी की थी. मामले में कुल 9 लोगों की गवाही हुई थी.
घटना के संबंध में सिदगोड़ा थाने में 21 जुलाई 2017 को अपहरण करने का एक मामला दर्ज कराया गया था. मामले में खगेन को नामजद आरोपी बनाया गया था. मामले में कहा गया था कि घटना के कुछ दिनों पहले तक नाबालिग लड़की आरोपी के साथ ही रह रही थी. घटना के दिन सुबह साढ़े छह बजे वह अचानक से नाबालिग के साथ फरार हो गया. आरोपी पहले से ही शादी-शुदा होने के कारण परिवार के लोगों ने शादी करने से इनकार कर दिया था.
चेक बाउंस के मामले में आरोपी जयशंकर को एक साल की सजा, साढ़े 5 लाख जुर्माना भी
चेक बाउंस के एक मामले में जयशंकर पांडेय को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी उत्कर्ष जैन की अदालत ने शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवायी करते हुये एक साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. इसके अलावा जयशंकर पांडेय पर 5 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. घटना के संबंध में वादी सोमनाथ विश्वास ने 4 दिसंबर 2018 में एक मामला दर्ज कराया गया था.
सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के गौतम विहार भुइयांडीह के सोमनाथ का कहना है कि उन्होंने ह्यूमपाइप बस्ती के रहने वाले जयशंकर पांडेय को दोस्ताना कर्ज के रूप में 2 अप्रैल 2018 को 5 लाख रुपये दिया था. कर्ज देने के बाद आरोपी ने कहा था कि तीन माह में ही रुपये वापस कर देगा. तीन माह के बाद चेक भी दिया था, लेकिन बैंक में डालने के बाद वह बाउंस कर गया था. इसके बाद 4 दिसंबर को मामला थाने तक पहुंचा था. सोमनाथ विश्वास की तरफ से अधिवक्ता उदय शंकर सिंह मामले में पैरवी कर रहे थे, लेकिन उनका निधन होने के बाद उनके पुत्र अधिवक्ता विवेक सिंह ने पैरवी की.
Exploring world
विज्ञापन
विज्ञापन