सरायकेला (Pramod Singh) मंगलवार सुबह से सरायकेला- खरसावां जिले में एकाएक मानसून की सक्रियता बढ़ने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. बारिश का पानी खेतों में भरने से धान की रोपनी भी शुरू हो गया है. मानसून की झमाझम बारिश से किसान काफी खुश हैं.
लंबे समय से किसान मानसून की बारिश का इंतजार कर रहे थे. किसान धान के बिचड़े गिराकर रोपनी की आस लगाए बैठे थे. बारिश नहीं होने के कारण किसान मायूस हो रहे थे और सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे थे. मंगलवार से शुरू हुए बारिश ने किसानों के चेहरों पर खुशी लौटा दी है. किसान मंगलवार की सुबह से ही ट्रैक्टर लेकर खेतों में निकल पड़े हैं. जिन किसानों ने रोहणी नक्षत्र में धान का बीज डाला था, उसके बीचड़े की रोपाई शुरू हो गई है. वहीं मौसम की मार से जो बीचड़े बढ़ रहे थे. लगातार बारिश से उन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. बड़े ही तेजी के साथ वे ग्रोथ करेंगे. कृषि अधिकारियों का कहना है कि जिले में एक लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है. हालांकि इस बार मानसून की बरसात विलंब से होने के कारण किसानों को थोड़ी परेशानी हुई है. सामान्यत: जिले में 14 जून से मानसून सक्रिय हो जाता है, लेकिन इस बार जिले में 7 अगस्त के बाद मानसून की बारिश शुरू हुई है. हालांकि पूर्व में भी हल्की बारिश होती रही है. जिससे किसान धान की रोपनी नहीं कर पा रहे थे. लेकिन पिछले तीन दिनों में जिला मुख्यालय समेत पूरे ग्रामीण इलाके में झमाझम बारिश होने से धान की रोपाई शुरू हो गई है. जिन इलाकों में थोड़ी कम बारिश हुई है, या फिर बीचड़े तैयार नहीं हैं, वहां किसान अभी इंतजार में हैं.
शहरी क्षेत्र में जनजीवन अस्तव्यस्त
मंगलवार से हो रहे बरसात से एक तरफ जहां किसानों में खुशियों का ठिकाना नहीं रहा, वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में लोगों के जीवन पर इसका विपरीत असर देखने को मिला. लोगों को अपने दैनिक कार्यों के लिए घरों से बाहर निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. अपने कार्य पर जाने के लिए लोग छतरी एवं रेनकोट के सहारे घरों से निकलते देखे गये.