जमशेदपुर (Charanjeet Singh)
जमशेदपुर पुलिस कभी- कभी अच्छा काम करती है, लेकिन कभी ऐसा कारनामा भी कर बैठती है, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगते हैं. पिछले दिनों नए कप्तान के रुप में योगदान देते वक्त प्रभात कुमार ने पुलिस और पब्लिक के बीच की दूरी को कम करने का बीड़ा उठाया था, लेकिन साकची पुलिस उनकी प्राथमिकता को खरा उतरने नहीं दे रही.
ऐसा ही एक मामला मंगलवार को देखने को मिला. साकची मिल्खी राम बिल्डिंग के पास अब्दुल रहीम कॉम्प्लेक्स में स्थित अनुप कुमार अग्रवाल एंड कंपनी के कार्यालय में दोपहर डेढ़ बजे बाराद्वारी निवासी प्रोपराइटर अनुप अग्रवाल पर जानलेवा हमला हुआ. यह हमला बाराद्वारी निवासी डिस्कवरी डायग्नोसिस सेंटर के दशरथ काउंटिया के बेटों प्रतीक और आयुष ने किया था.
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अनुप का जान मारने की नियत से काफी देर तक गला दबाया गया और लात घूंसे चलाये गए. बीच बचाव करने आए कर्मचारियों को भी धक्का मुक्की की गई. हमलावर का चालक भी वहां मौजूद था. यही नहीं इसके बाद अपराधियों की तरह अनुप का अपहरण कर कार में बैठाया और साकची थाना ले जाया गया. दिन दहाड़े साकची में हुई इस घटना को देखकर एक बार तो लोगों को लगा की सच में ही किसी का अपहरण हो गया है. अनुप पर हुए जानलेवा हमले की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई. बताया जाता है कि दोनों के बीच रूपये लेनदेन को लेकर विवाद है, जिसे लेकर मारपीट की गई.
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अब जब साकची थाना मामला गया तो मारपीट के शिकार अनुप को घायल अवस्था में घंटों पुलिस ने थाना में बैठा लिया. उसका इलाज कराना तक उचित नहीं समझा. देर शाम थाना में अनुप के पक्ष के लोग जुटने लगे, जिसके बाद अनुप को थाना से छोड़ा गया. अनुप ने अपने साथ हुई घटना को लेकर आवेदन देना चाहा तो वह भी नहीं लिया गया. अंततः अनुप ने थाना से निकल कर अपना इलाज कराया. डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है. गर्दन में गंभीर जख्म है. अब सवाल उठता है की लेनदेन का जो भी मामला हो क्या क़ानून किसी को मारपीट की इजाजत देता है. इस पूरे घटनाक्रम में हमलावरों के पक्ष में पुलिस का रुख रहा, जिसपर अनुप ने कहा की सुनियोजित तरीके से उस पर जानलेवा हमला किया गया है. अब थाना में मामला दर्ज नहीं लिए जाने पर वरीय अधिकारीयों के संज्ञान में शिकायतकर्ता जाने की तैयारी कर रहे हैं. फिर भी इंसाफ नहीं होता है तो कोर्ट की शरण में जाने की बात अनुप ने कही है. इस सम्बन्ध में थाना प्रभारी राजेश कुमार ने कहा की 22 करोड़ लेन देन का मामला है. कोई मारपीट नहीं हुई है. अनुप के शरीर में किसी तरह की चोट नहीं थी. दोनों पक्षों की समाज में वार्ता किये जाने पर उन्हें थाना से भेज दिया गया है, जो 10 अगस्त को तय हुई है.