खरसावां: राजनगर प्रखंड अंतर्गत केन्दमुंडी में लोकहित संस्था शिमला खरसावां द्वारा खरीफ फसल पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में 15 प्रतिभागियों को खरीफ फसलों की जानकारी दी गई.
इस दौरान किसानों को उन्नत खेती के तरीके बताए गए. कार्यशाला में मुख्य रूप से उपस्थित कृषि विज्ञान केंद्र के गोन्द्रो मांडी एवं पूर्वी सिंहभूम के सुरिद्र मुंडा द्वारा खरीफ फसलों के उत्पादन की जानकारी दी गई. मौके पर श्री मांडी ने कहा कि किसान आधुनिक तरीके से धान की खेती करें. सरकार ने इनके लिए अनेकों अनुदानित योजनाएं चला रखी है उनका लाभ लें. चूंकि हमारा देश कृषि प्रधान है और कृषि उत्पादन से ही किसान फसलों की उपज से ही आत्मनिर्भर बन रहे है. किसान इस प्रशिक्षण से फायदा लेकर खेती करके ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करे और आस- पास के किसानों को भी इसके बारे में बताएं. ताकि वो भी आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होने कहा कि औद्योगिकीकरण के साथ साथ कृषि और किसानों का भी विकास उतना ही जरूरी है. उद्योग से तो आर्थिक लाभ तो प्राप्त हो रहा, लेकिन मूलभूत आवश्यकताओं के लिए कृषि कर उत्पादन की बढ़ोतरी किसान आत्मनिर्भर बनें. क्योंकि किसान का आत्मनिर्भर बनना ही हम सभी के लिए लाभदायक है. इन्ही के द्वारा खेती से उपज फसल से हम सभी को अन्न प्राप्त होता. कार्यक्रम की शुरूआत व्यक्तिगत परिचय के द्वारा हुआ. सभी प्रतिभागी केवीके अधिकारी एवं संस्था के प्रतिनिधियो ने खरीफ फसल का रोपाई की जानकारी दी. गोन्द्रो मांडी ने पोषण वाटिका विकसित करने हेतु प्रेरणा दिए. इस दौरान लोकहित संस्था अलफोंस शाखा के प्रतिनिधि, लारेन्स सोय आदि उपस्थित थे.
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