सरायकेला (Pramod Singh) प्राचीन आस्था से जुड़े पूजा स्थल कांडे डूंगरी में कांडे पाट पूजा रविवार को 12 मौजा के ग्रामीणों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. पूजा समिति के संरक्षक विष्णु बानरा ने बताया यह पूजा हमलोगों के पूर्वज प्राचीन समय से करते आ रहे हैं. पहले 12 वर्षों में एक बार किया जाता था. अब बदलते समय के साथ 5 वर्षों में तब्दील किया गया. अब यह पूजा-अर्चना 3 वर्षो में किया जाता है.
कांडे पाट पूजा कांडे बुरु बोंगा पूजारी द्वारा गाजे बाजे के साथ सुबह 9 बजे से किया गया. जिसमें 12 मौजा के लोगों ने बकरा, लाल मुर्गा की बलि एवं फल फूल इत्यादि चढ़ाये. बुरु बोंगा से आशीर्वाद मांगा कि इस वर्ष अच्छी फसल उत्पादन हो एवं सभी को सुख- समृद्धि प्राप्त हो. यह पूजा अर्चना 12 मौजा के ग्रामीणों द्वारा संयुक्त रूप से पुजारी के माध्यम की गई. कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिप अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, जिप सदस्य शम्भू मंडल, सरना फिल्म निर्माता सावन सोय, आदिवासी हो सामाज महासभा के जिला अध्यक्ष गणेश गगराई, मानकी मुण्डा परिषद जिला अध्यक्ष कोल मुण्डा, झारखण्ड बोदरा, बली महतो, हर सिंह बानरा, अरुण महतो, अमृत महतो, कुंवर बानसिंह, राजा राम हेब्रम, सूरज बानरा, संजय सुरेन, हजरा सुरेन, गणेश सुरेन, दुर्गा समद, जून बानरा, दिनेश बानरा, रोहित सुरेन, विशाल सुरेन, रुईदास सुरेन, राजु बानरा, बुधाराम कुरली, सीलय कुरली, हरीस कुरली, सुनील बानसींग, जयपाल तीयू, जोगो तीयू, संजय सुरेन, सिकन्दर बनसिंह, टुकलू सुरेन एवं सुदर्शन सुरेन आदि उपस्थित थे.
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