चांडिल (Manoj Swarnkar) चांडिल अनुमंडल सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल रिपोर्टयर सुचित्रा सिन्हा ने चांडिल डेम के विस्थापित एवं सुवर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना के पदाधिकारियों के साथ बैठक किया. जिसमें विस्थापितों की विभिन्न समस्याओं से अवगत हुए. इस दौरान विस्थापितों ने चांडिल डेम के विस्थापन नीति के बारे में बताया कि चांडिल डेम का मुद्दा 40 वर्षों से चल रहा है, ना तो चांडिल डेम का पुर्ण विकास हुआ है ना ही विस्थापितों की समस्याओं का समाधान हुआ है.
एक लंबे समय से विस्थापित इन समस्याओं से जूझ रहें है. विस्थापितों को अबतक पूर्ण मुआवजा नहीं मिला है. हर विस्थापितों को नौकरी नहीं मिला है. विस्थापितों के लिए बनाये गये पुनर्वास स्थल का पूर्ण विकास नहीं हुआ है. विस्थापितों ने कहा का कि चांडिल डैम प्रशासक रात के 12 बजे रेडियल गेट बंद कर गांवों को डुबाने की काम करते है. रात में किसी घर पानी घुसाने और घर गिराना यह कहां का न्याय है. जिससे मानवाधिकार का खुला उल्लंघन होता है. इसके बावजूद डैम प्रशासक पर कुछ कारवाई नहीं होती है. आज डैम के अपूरणीय विकास के कारण चांडिल डैम के विस्थापित दर- दर की ठोकर खा रहे है. विस्थापित भूखे मरने के लिए विवश है. विस्थापितों ने बात रखा कि स्वर्णरेखा परियोजना कार्यालय में बिना बिचौलिया से काम नहीं होता है. बिचौलिये के बिना कार्यालय में पदाधिकारी आवेदन पर किसी प्रकार की त्रुटि का बहाना बनाकर या तो आवेदन को रद्द कर देते है एवं कार्य को आगे अग्रसारित नहीं करते है. विस्थापित गुरुचरण साव ने कहा कि अब तो विस्थापितों की जाति, आवासीय, आय प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कते होती है. उन्होंने कहा कि चांडिल डैम से विस्थापित होने के कोई लोग अन्य प्रखंड, जिला एवं राज्य में जा के बस गये है. जहां के पदाधिकारी वहां के पर्चा और वहां के कर्मचारियों से सत्यापित कराने की बात करके प्रमाण पत्र निर्गत नहीं करते है, जिसके कारण विस्थापित छात्र- छात्राओं के लिए काफी परेशानी होती है. विस्थापितों लिए अधिग्रहण किये गए पुनर्वास स्थल पर पुर्ण विकास नहीं हुआ है. कोई पुनर्वास स्थल पर अवैध कब्जा हो गया है. अवैध कब्जा करने वाले लोगों पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुआ है. इस मौके पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल रिपोर्टयर सुचित्रा सिन्हा ने कहा कि विस्थापितों एवं स्वर्णरेखा परियोजना के पदाधिकारियों के साथ बैठक किया गया. विस्थापितों के सारे समस्याओं से अवगत हुए तथा विस्थापितों की बातो को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में रखेंगे. इस दौरान अपर निदेशक रंजना मिश्रा ने बताया कि गांव में कैंप लगाने के लिए पुनर्वास पदाधिकारी को निर्देश दिया, कि जिसका- जिसका समस्या है वे कैंप एवं पुनर्वास कार्यालय में अपना आवेदन देंगे. उन्होंने कहा कि पुनर्वास स्थल से अवैध कब्जा हटाने के लिए एसडीओ को सूची उपलब्ध कराये है.
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