चांडिल Manoj Swarnkar मौजूदा हेमंत सरकार और सुवर्णरेखा परियोजना के अधिकारी इस साल चांडिल डैम के विस्थापितों को उजाड़ने की पूरी तैयारी कर चुके हैं. हर हाल में विस्थापितों से घर खाली कराने की तैयारी है. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा चांडिल डैम के गांवों का मुआयना किया जा रहा है.
उक्त बातें आजसू पार्टी के सरायकेला खरसवां जिला प्रवक्ता जगदीश चंद्र महतो ने कहा है. प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जगदीश चंद्र महतो ने कहा कि विभाग एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा आपदा से निपटने के लिए तैयारी की जा रही हैं. डूब क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भी तैयारी है. लेकिन हामरा सवाल है और साथ ही सभी विस्थापित परिवार भी जानना चाहते हैं, कि जब डैम का जलस्तर 180 मीटर रहेगा तो फिर आपदा प्रबंधन की इतनी तामझाम क्यों ? जगदीश महतो ने कहा है कि आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन इसलिए इतनी तामझाम के साथ तैयारी कर रही हैं, क्योंकि इस साल विस्थापितों को पूर्ण रूप से उजाड़ा जाएगा. दूसरी ओर विस्थापितों के घाव पर स्थानीय विधायक नमक छिड़कने का काम कर रही हैं. जगदीश महतो ने कहा कि गत 8 जून 2022 को आपदा प्रबंधन की बैठक में विधायक सविता महतो ने विशेष तौर पर चांडिल डैम के जलस्तर पर चर्चा की. विधायक ने सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के अधिकारियों को डैम का जलस्तर 180 मीटर के नीचे रखने का निर्देश दिया. इसके बाद विधायक ने पिछले 5 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात किया. मुख्यमंत्री के अलावा विभागीय सचिव से भी मुलाकात की और डैम के जलस्तर में 180 मीटर जल भंडारण करने का मांग किया. जब विधायक ने आपदा प्रबंधन की बैठक में, मुख्यमंत्री और जल संसाधन विकास के सचिव से 180 मीटर जल भंडारण की मांग रख चुकी हैं तो फिर इतनी ताम झाम के साथ तैयारी क्यों हो रही हैं. इन तथ्यों से यही निष्कर्ष निकलता है कि या तो इस साल हर हाल में विस्थापितों को बेघर किए जाने की तैयारी है, जिसकी जानकारी विधायक को भी है, बावजूद इसके विस्थापितों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया जा रहा है.