राजनगर Pitambar Soy टेट पास सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) संघ ने अपनी द्वी-सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को स्थानीय विधायक सह झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण एवं परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन को उनके आवास में ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में टेट पास पारा शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने जो नई शिक्षक नियमावली (सहायक आचार्य) बनाई है, उसमें कई विसंगतियां हैं. जिसमें तीन हजार टेट पास अभ्यर्थियों को नजरअंदाज किया गया है.
एनसीटीई के सारे मानदंड पूरा करने के बावजूद टेट पास का लाभ नहीं दिया गया है. टेट पास करने के वावजूद अभ्यर्थियों से एक और परीक्षा 350 अंक की रखी गई है, जो न्याय संगत नहीं है. पारा शिक्षकों को सरकारी शिक्षक बनने के लिए पूर्व में 50 प्रतिशत आरक्षण रखा गया था. परन्तु नई नियमावली में अनुबन्धकर्मियों को भी इस दायरे में लाया गया, जो न्याय संगत नहीं है. वैसे भी पारा शिक्षकों ने 20 वर्ष की सेवावधि पूरी कर ली है. अभी किसी का 10 साल तो किसी का 5 साल नौकरी शेष है. ऐसे में नई शिक्षक नियमावली (सहायक आचार्य) के मुताबिक और 10 साल सहायक आचार्य के पद पर सेवा देने होंगे. इसके उपरांत ही सहायक शिक्षक में पदोन्नति का प्रावधान किया गया है. जो सरासर टेट पास सहायक अध्यापक पारा शिक्षकों के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. साथ ही कई ऐसे पारा शिक्षक जिनकी 1- 5 कक्षा में नियुक्ति हुई, वे लोग 6- 8 लेवल में टेट पास किए हैं. और कई ऐसे भी हैं, जिनकी नियुक्ति 6-8 कक्षा में है, परंतु वे लोग 1-5 कक्षा वाले लेवल में टेट पास किए हैं. नई शिक्षक नियमावली में ग्रेड पे 4200 और 4600 से घटाकर 2800 रखा गया है. जो इस महंगाई के दौर में वेतनमान कम करना बिल्कुल सही नहीं है.
टेट पास सफल अध्यापक (पारा शिक्षक) इसकी घोर निंदा करती है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार एक स्थल पर समान कार्य करने वालों को समान वेतन दिया जाना चाहिए. हमारी सरकार से इतनी ही मांग है कि पूर्व की तरह टेट पास पारा शिक्षकों को सीधे अपने पदों पर समायोजन किया जाए. पारा शिक्षकों के मामले में इसके लिए और परीक्षा लेना न्यायोचित नहीं है. चूंकि टेट पास अभ्यर्थियों की पहले सीधी नियुक्ति हो चुकी है. ज्ञापन सौंपने वालों में पंगीला हो, राजेश्वर महतो, भूदेव महतो, मागात बास्के, जगदीश प्रसाद महतो आदि शामिल थे.
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