खरसावां Ramzan Ansari
कुचाई प्रखंड क्षेत्र के छोटासेगोई के चंपद गांव में नाबार्ड वित्त पोषित एसईडीपी परियोजना के तहत प्रदान संस्था के द्वारा वनोपज प्रसंस्करण की एलईडीपी परियोजना केंद्र खोला गया है. जिसका विधिवत उद्घाटन जिले के उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट द्वारा फीता काटकर एवं दीप प्रज्जलीप कर किया गया.
इस दौरान खेती व प्रसंस्करण को बढ़ावा देने पर बल दिया गया. मौके पर श्री गागराई ने कहा कि हल्दी उत्पादक किसानों को एक मुकाम मिलेगा. इन्हें न केवल केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलेगा, बल्कि इनके उत्पाद को कुचाई से बाहर एक व्यापक बाजार भी मिलेगा. इसके तहत हल्दी उत्पादक किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यहां हल्दी की खेती को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही उत्पाद पर आधारित सूक्ष्म व लघु उद्योग भी स्थापित किए जाएंगे.
उन्होने कहा कि वनोपाज की सही तरीके से प्रसंस्करण, ब्रांडिग और मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध होने से इस क्षेत्र के ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव आएगा. साथ ही उन्होंने नाबार्ड के प्रयास की सराहना की. इस दौरान मुख्य रूप से डीडीसी प्रवीण कुमार गागराई, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट, बीडीओ सुजाता कुजूर, मुखिया लुदरी हेम्ब्रम, झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के राज्य प्रभारी सोहन लाल कुम्हार, एलडीएम विजेंद्र कुमार शीट, डीपीएम शैलेंद्र जारिका, डीडीएम सिद्धार्थ शंकर, एजीएम शिवानी मोहन, दीपेंद्र कुमार, भरत सिंह मुंडा, धर्मेंद्र कुमार मुंडा, बबलू मुर्मू, दोलु सिंह सरदार, सुरेश सोय, चामी मुर्मू, राजेश मुडरी, कारो मुंडा, कुजरी मुंडा, संगड़ा मुंडा, राहुल सोय, गोघनश्याम सोय, गारदी सोय महिला समूह के महिलाओं उपस्थित थे.
*लोग वनोपज को ओने पौने दाम पर बेचने को मजबूर-विनोद*
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट ने कहा कि एलईडीपी परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूह कि 80 महिलाओ और संयुक्त देयता समूह के 10 पुरुषों को चिरौंजी, इमली और हल्दी के प्रसंस्करण पर प्रशिक्षण के साथ-साथ लघु प्रसंस्करण इकाई कि स्थापना हेतु आवश्यक मशीन भी नाबार्ड द्वारा उपलब्ध करवाया जा रहा हैं. उन्होंने कहा कि उचित प्रशिक्षण, प्रसंस्करण इकाई और विपणन सुविधाओं के आभाव मे इस क्षेत्र के लोग चिरौंजी समेत अन्य वनोपज को औने- पौने दाम पर बिचैलियों को बेचने के लिए मजबूर हैं.
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