जमशेदपुर Charanjeet Singh
नई दिल्ली स्थित गुरुद्वारा बांग्ला साहिब से बाबा बघेल सिंह म्यूजियम के निदेशक सरदार सुरजीत सिंह अपने दो दिवसीय दौरे पर जमशेदपुर आए हुए हैं. गुरुवार को बिष्टुपुर के एक होटल में मीडिया से मुख़ातिब हुए और सिख धर्म की विशेषताओं पर प्रकाश डाला.
उन्होंने पूर्व सिविल सर्जन डॉ स्वर्ण सिंह द्वारा निर्मित गुरुनानक देव की पहली उदासी पर बनी लघु फ़िल्म का लोकार्पण भी किया. उन्होनें कहा कि लघु फ़िल्म को सभी को देखनी चाहिए और गुरु नानक देव के जीवनी से सीख लेनी चाहिए. उन्होनें कहा समाज में इन दिनों फ़ैल रहे भेद- भाव को दूर करने हेतु गुरुनानक देव जी ने चारों वर्ण को एक वर्ण बनाया, जिससे इंसानों के भीतर छुपे भेद- भाव दूर होने लगे. सुरजीत सिंह ने कहा कि सिख ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र का समावेश है जो सभी को अपने क्रियाकालापों के माध्यम से अपने अंदर समाहित किये हुए हैं और आज की पीढ़ी को इसी से सीख लेने की जरुरत है, ताकि समाज के इन दूरियों को मिटाकर हम सभी अपना धार्मिक और मानसिक विकास कर सके. प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश गुरुद्वारा के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह, तजेंद्र सिंह, मंजीत सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
बाईट
सुरजीत सिंह आजाद