सरायकेला Pramod Singh मंगलवार को उपायुक्त अरवा राजकमल ने सरकार के निर्देश के तहत अपने कार्यालय कक्ष में जनता मिलन कार्यक्रम के तहत फरियादियों की समस्याएं सुनी, एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए.
हालांकि उपायुक्त अधीनस्थ विभागीय पदाधिकारियों की कार्यशैली से नाखुश नजर आए. उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलों का निष्पादन प्रखंड और अंचल स्तर पर ही हो जाना चाहिए, मगर उनके कार्यालय तक पहुंचना कहीं ना कहीं संबंधित विभागों के पदाधिकारियों की अकर्मण्यता प्रदर्शित करती है. उन्होंने बताया कि सभी प्रखंडों के कार्यों का आकलन जिला स्तर पर किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर संबंधित प्रखंड व अंचल के अधिकारियों को तलब किया जाएगा. उपायुक्त ने मिलने वाले फरियादियों से पर्याप्त साक्ष्यों के साथ फरियाद लेकर पहुंचने की अपील की, ताकि एकपक्षीय कार्यवाई ना हो एवं किसी के साथ नाइंसाफी ना हो. उन्होंने बताया कि उनका नियमित रूप से मंगलवार एवं शुक्रवार को जनता मिलन कार्यक्रम होता है. जरूरत पड़ने पर अन्य दिनों में भी वे जनता के लिए उपलब्ध रहते हैं. पारिवारिक एवं जमीन संबंधी मामलों का प्रखंड एवं अंचल स्तर पर ही निष्पादन होना चाहिए, यदि वहां उनके साथ नाइंसाफी होती है तो ही जिला स्तरीय जनता मिलन कार्यक्रम में उपस्थित हों. हालांकि इसके लिए मंगलवार एवं शुक्रवार का समय निर्धारित किया गया है, ताकि उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए समाधान दिलाई जा सके. उन्होंने प्रखंड के पदाधिकारियों से भी नियमित मंगलवार एवं शुक्रवार को जनता मिलन कार्यक्रम आयोजित कर जनता की समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया. उपायुक्त ने बताया, कि पूर्व की तुलना में पेंशन से सम्बंधित समस्याएं अब नहीं आ रहे हैं. ज्यादातर मामले पारिवारिक कलह एवं जमीन से संबंधित आ रहे हैं. इसके अलावा सेवा संपुष्टि के मामले भी आ रहे हैं. उन्होंने पारिवारिक कलह के मामलों को सामाजिक स्तर पर सुलझाने की अपील की. साथ ही जमीन संबंधित मामलों के लिए प्रखंड में मौजूद लीगल एडवाइजर से सलाह लेने, समाधान नहीं मिलने पर उन तक पर्याप्त साक्ष्यों के साथ पहुंचने की अपील की. बुजुर्गों के प्रताड़ना से संबंधित मामले भी उपायुक्त दरबार पहुंच रहे हैं. जिस पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई और कहा ऐसे मामलों का सामाजिक स्तर पर निराकरण कराने की पहल होनी चाहिए. इससे नकारात्मक संदेश जाता है. बड़े- बुजुर्गों का सम्मान करना हर बच्चों का नैतिक दायित्व है. उन्हें दंडित करने से समाधान नहीं हो सकता.
सुनें क्या कहा उपायुक्त ने
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