खूंटी में आयोजित अबुआ बुगिन स्वास्थ्य, यानी हमारा बेहतर स्वास्थ्य. कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता शामिल हुए बगैर बैरंग लौट गए. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र सरकार पर स्वास्थ्य के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने इस मेगा स्वास्थ्य शिविर को भाजपा प्रायोजित स्वास्थ्य शिविर करार दिया और कहा केंद्र सरकार चुने हुए जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रही है.
दरअसल स्वास्थ्य शिविर के लिए लगाए गए बैनर में राज्य के मुख्यमंत्री की तस्वीर नहीं होने से मंत्री बन्ना गुप्ता खफा हुए और बगैर कार्यक्रम में शिरकत किए वापस लौट गए. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस, विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर पद्मभूषण कड़िया मुंडा, खूंटी के तीनों विधायक सहित कई गणमान्य शामिल हुए. दरअसल यह कार्यक्रम किसका था, आयोजक कौन था यह पता नहीं चल सका है. मगर स्वास्थ्य मंत्री ने इसका ठीकरा जिले के उपायुक्त पर फोड़ते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने कहा कार्यक्रम के लिए लगाए गए बैनर में राज्य के मुखिया की तस्वीर नहीं लगाना उनका अपमान है. ऐसे में आयोजकों द्वारा उनकी तस्वीर लगाकर सीधे- सीधे मुख्यमंत्री को अपमानित किया गया है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. स्वास्थ्य विभाग राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता. राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि इस मेगा स्वास्थ्य जांच शिविर में 60 से 65 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें कारपोरेट घरानों की सहभागिता थी. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री को न्योता तक नहीं दिया गया जो कहीं से भी शोभनीय नहीं है. ऐसे में सवाल यह उठता है, कि क्या स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मुख्यमंत्री से उक्त कार्यक्रम में शिरकत होने से पूर्व रायशुमारी नहीं की थी ? क्या कार्यक्रम में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने आयोजकों की जानकारी नहीं ली थी ? क्या कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पूर्व उन्होंने बैनर नहीं देखा था ? यदि सब कुछ जान कर भी स्वास्थ्य मंत्री कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे, तो क्या इसे भी एक राजनीतिक हथकंडा माना जाए ? वैसे मामला चाहे जो भी हो स्वास्थ्य मंत्री ने मुखर होकर कार्यक्रम का विरोध यह कहते हुए जता दिया कि राज्य के मुख्यमंत्री का अपमान वह बर्दाश्त नहीं कर सकते और इसके लिए उन्होंने जिले के उपायुक्त को जिम्मेदार ठहराया तो क्या इस अपमान का ठीकरा उपायुक्त के सर पर फूटने वाला है ! वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा आंखों देखी मक्खी कैसे निकल सकता हूं ! अब मक्खी कौन है ! किसे निगलने की बात स्वास्थ्य मंत्री कर रहे हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
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