राजनगर: सरायकेला जिले के राजनगर थाना क्षेत्र में शुक्रवार को बड़ा हादसा हुआ है. जहां हाई टेंशन बिजली करंट की चपेट में आकर एक बिजली मिस्त्री की मौत हो गई है. जिसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई है.
मिली जानकारी के अनुसार बिजली मिस्त्री जितेन मंडल राजनगर ब्लॉक कैंपस के पास 11 हजार वोल्ट के तार में आए खराबी को दुरुस्त करने में जुटा था, इसी बीच अचानक तार में करंट दौड़ गई. जिससे बिजली मिस्त्री खंभे से झटके खाकर गिर गया. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बिजली मिस्त्री जितेन मंडल शटडाउन लेकर काम कर रहा था. इसी दौरान विद्युत उपकेंद्र से बिजली सफ्लाई किसी के द्वारा कर दी गई. घटना रात करीब 8 बजे की है. मृतक राजनगर थाना क्षेत्र के राधानगर गांव का रहने वाला था. वह राजनगर विद्युत उपकेंद्र में कैज्युअल बेसिस पर बहाल हुआ था और बिजली मरम्मती का कार्य करता था. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस समय जितेन खंभे पर चढ़ा था, उस समय करंट नहीं था. लोगों ने कहा कि उपकेंद्र से बिट्टू नामक मिस्त्री ने करंट चालू कर दिया. यह बयान वहां कैजुअल में कार्यरत लालू महतो और लंबू महतो ने पुलिस के समक्ष दिया है. पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है. इधर लोग दोषियों गिरफ्तार करने की माग कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि शाजिश के तहत यहां के लोकल मिस्त्रियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है.
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आखिर क्यों शटडाउन के बाद बिजली दौड़ी लोगों में यह सवाल उठ रहे.
राजनगर में अभी तक ऐसे तीन हादसे हो चुके हैं, जब शटडाउन लेकर कार्य के दौरान बिजली मिस्त्रियों की मौत हुई है. एक हादसा छह- सात साल पहले गोविंदपुर में हुई थी. इसके बाद दो साल पहले नेटो गांव के एक बिजली मित्री की भी करंट से हादसा हुआ था. लम्बे इलाज के बाद लड़का जिंदा तो बचा, लेकिन पूरी तरह अपंग हो गया.
नहीं पहुंचे विभागीय अधिकारी
उधर बिजली के करंट लगने से मिस्त्री की मौत हो जाने के बाद एक ओर जहां क्षेत्र में सनसनी फैल गई. वहीं परिवार वालों का रो- रोकर बुरा हाल है. इतनी बड़ी घटना घट जाने के बाद भी समाचार लिखे जाने तक विभागीय पदाधिकारियों का घटनास्थल पर नहीं पहुंचना असंवेदनशीलता दर्शाता है. इसको लेकर परिजनों एवं स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा गया.
पुलिस की तफ्तीश जारी
वहीं घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची राजनगर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया और किसी तरह से आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराते हुए मामले की छानबीन में जुट गई है. जिस तरह से मृतक के सहयोगी सहकर्मियों ने पुलिस को बयान दिए हैं, उसे कहीं ना कहीं विभागीय लापरवाही और साजिश की बू आ रही है. फिलहाल पुलिस कुछ भी बताने से बच रही है. मामला कहीं ना कहीं संवेदनशील है, और विभागीय अधिकारियों की चुप्पी इस बात के प्रमाण हैं.